पेप्सिको ने गुजरात के चार किसानों के खिलाफ दायर मुकदमा वापस ले लिया है। किसानों के हितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 मई को पेप्सिको ने बिना शर्त मुकदमा वापस लेने की जानकारी दी। इससे पहले कंपनी, किसानों के साथ अदालत के बाहर समझौता करने की बात कह रही थी। जिसका गुजरात सरकार भी समर्थन कर रही थी। लेकिन संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया। संगठनों का कहना है कि मुकदमा वापस लेने के साथ ही कंपनी, किसानों को मुआवजा भी दे, क्योंकि कंपनी की इस कार्रवाई से किसानों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही, सरकार को एक स्पष्ट व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि किसानों को सामने इस तरह की परेशानी से दोबारा न गुजरना पड़े।
किसानों के लिए काम कर रहे संगठनों अलायंस फॉर सस्टेनबल एंड हॉलिस्टिक एग्रीकल्चर (आशा) ने इस मामले में गुजरात सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि सरकार किसानों पर दबाव बना रही है कि वे कंपनी के साथ अदालत के बाहर समझौता कर लें। संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे आने वाले दिनों में कॉरपोरेट लॉबिंग और मजबूत हो और किसानों पर हावी होती चली जाए।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा था कि केंद्र सरकार ने किसानों का साथ नहीं दिया तो किसान अपने-अपने जिले में विरोध प्रदर्शन करेंगे। भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुकदमे का व्यापक विरोध नहीं हुआ तो आगे इस तरह की घटनाएं बढ़ जाएंगी और किसान के लिए बीज खरीदना तक मुश्किल हो जाएगा।
क्या है मामला
बहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको ने गुजरात में आलू की खेती करने वाले किसानों पर बीज के कॉपीराइट के उल्लघंन का केस दर्ज कराया है। कंपनी का कहना है कि उसके उत्पाद लेज चिप्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले आलू के किस्म को कंपनी ने भारत में रजिस्टर करा रखा है। जिसके मुताबिक, बिना इजाजत लिए किसान इस किस्म के आलू की खेती नहीं कर सकते। कंपनी ने चार किसानों पर 1.50 करोड़ रुपए का दावा ठोंका है। इससे पहले 2018 में गुजरात के अरवल्ली जिले में पांच किसानों पर इसी तरह का केस दर्ज कराया था और उस समय किसानों पर 20-20 लाख रुपए का दावा ठोंका था। कंपनी ने कहा है कि उसने एक फरवरी 2016 को एफएल2027 वेराइटी के आलू के बीज का रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसका प्रोटेक्शन पीरियड 31 जनवरी 2031 है।