सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता विफल, 3 दिसंबर को फिर होगी बैठक

किसान नेताओं का आरोप है कि देश के लोगों को दिखाने के लिए बैठक बुलाई, सरकार समाधान नहीं चाहती
The meeting between Punjab farmer leaders and government representatives at Vigyan Bhavan. Photo: @vasudevavikas / Twitter
The meeting between Punjab farmer leaders and government representatives at Vigyan Bhavan. Photo: @vasudevavikas / Twitter
Published on

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत विफल रही। सरकार ने किसानों के सामने शर्त रखी कि वे पांच सदस्यीय कमेटी बनाएं, लेकिन किसान संगठनों ने इससे इंकार कर दिया। 3 दिसंबर को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है।

केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस वजह से 1 दिसंबर को सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया था। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के अलावा वाणिज्य एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।

बैठक बेनतीजा रही। बैठक से बाहर निकल कर किसान नेताओं ने बताया कि किसान संगठनों ने सरकार को स्पष्ट तौर पर बता दिया कि पिछले दिनों जो तीन कृषि कानून लागू किए गए हैं, वे पूरी तरह किसान विरोधी हैं, इसलिए इन्हें वापस लिया।

कुछ किसान नेताओं ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री लगातार यह बात कह रहे हैं कि कृषि कानूनों से किसानों का भला होगा, जबकि इस बारे में किसानों से पूछा तक नहीं गया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के झंडा सिंह ने कहा कि वे (सरकार) केवल इस बात पर अड़े रहे कि कृषि कानूनों पर विचार विमर्श के लिए हम लोग (किसान) चार या पांच सदस्यों की कमेटी बना लें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसका समाधान नहीं करना चाहिए, बस चर्चा करनी चाहती है। अगर यही बात कहनी थी कि मीटिंग की क्या जरूरत थी, वैसे ही संदेश भेज देते। यह मीटिंग बुलाकर सरकार केवल देश के लोगों को यह जताना चाहती थी कि वे किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है, ताकि दूसरे राज्यों से आ रहे किसानों को रोका जा सके।

किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा और सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि बैठकर 3 दिसंबर को होने वाली बैठक के बारे में विचार विमर्श करेंगे।

उन्होंने कहा कि किसान अब दिल्ली से खाली हाथ नहीं लौटेंगे। अब सरकार को तय करना है कि वह इस मुद्दे का समाधान करती है या हमें बलपूर्वक हटाया जाता है।

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही। बातचीत का दूसरा दौर तीन दिसंबर को होगा। हमने सुझाव रखा कि किसान चार-पांच सदस्यों की एक समिति बना ले, लेकिन किसान नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए। हमें इस पर कोई परेशानी नहीं है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in