ऐसी फसलों में धान, गेहूं और गन्ने का शेयर सबसे ज्यादा है, जिन्हें किसान सरकारी एजेंसियों और कृषि उत्पाद बाजार समिति में बेचते हैं, इसकी वजह यह है कि ये फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में आती हैं और इन्हें खरीदने के लिए सुसंगठित चैनल पहले से बने हैं।