क्या इस साल खड़ा हो सकता है अन्न संकट? 5 साल में सबसे कम फसल की बुआई

पिछले साल के मुकाबले इस साल 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम बुआई हुई है
खरीफ सीजन की बुआई पिछले साल के मुकाबले काफी कम हो रही है। फाइल फोटो: सीएसई/अग्निमीर बासु
खरीफ सीजन की बुआई पिछले साल के मुकाबले काफी कम हो रही है। फाइल फोटो: सीएसई/अग्निमीर बासु
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साल 2021 का मानसून बेशक अब सामान्य के आसपास बना हुआ है, लेकिन बारिश के असामान्य वितरण ने एक नई चिंता खड़ी कर दी है। केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के 16 जुलाई 2021 तक के आंकड़े बता रहे हैं कि इस बार खरीफ की बुआई बेहद प्रभावित हो रही है।

इन आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 16 जुलाई 2020 तक देश में  691.93 लाख हेक्टेयर क्षेफफल में खरीफ की बुआई की जा चुकी थी। लेकिन साल 2021 में अब तक 611.89 लाख हेक्टेयर में ही फसल की बुआई की गई है। यहां तक कि इस साल सामान्य तौर पर होने वाली बुआई (636.82 लाख हेक्टेयर) से भी कम है। जो लगभग 4 फीसदी कम है। सामान्य का अंदाजा पिछले पांच साल के दौरान हुई बुआई के औसत से लगाया जाता है।

आंकड़े बताते हैं कि खरीफ सीजन में देश में 1073 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में अलग-अलग फसलों की बुआई होती है। इस साल सभी फसलों की बुआई पिछड़ रही है। पिछले साल के मुकाबले धान की बुआई 12.47 हेक्टेयर कम हुई है। और पिछले 5 साल के औसत के मुकाबले 1.90 हेक्टेयर कम बुआई हुई है।

राज्यवार देखें तो ओडिशा में 4.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की कम बुआई हुई है, इसी तरह छत्तीस गढ़ में 3.99 लाख हेक्टेयर, बिहार में 2.83 लाख हेक्टेयर, आसाम में 2.28 हेक्टेयर, हरियाणा में 1.14 लाख हेक्टेयर,  गुजरात में 80 हजार हेक्टेयर, मणिपुर में 75000 हजार, आंध्र प्रदेश में 69 हजार हेक्टेयर, नागालैंड में 65 हजार हेक्टेयर, कर्नाटक में 59 हजार हेक्टेयर, राजस्थान में 40 हजार हेक्टेयर और पश्चिम बंगाल में 26  हेक्टेयर धान की बुआई कम हुई है। 

दलहन की बुआई भी इस बार बहुत पिछड़ रही है दलहन का कुल क्षेत्रफल 135.29 है और इस सप्ताह तक सामान्यता लगभग 81.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो जाती है परंतु इस साल अब तक 70.6 हेक्टेयर में ही बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 80.36 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई थी। राज्य वार बात करें तो कर्नाटक में 2.77 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 1.69 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में अधिक बुआई हुई, लेकिन राजस्थान में 9.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अब तक बुआई नहीं हो पाई है, जबकि मध्य प्रदेश में 3.32 लाख हेक्टेयर, आंध्र प्रदेश में 62000 हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 48000 हेक्टेयर, झारखंड में 40000 हेक्टेयर,  ओडिशा में 35000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन की बुआई अब तक नहीं हो पाई है।  

तिलहन का कुल बुआई क्षेत्र 180 लाख हेक्टेयर है और 16 जुलाई तक सामान्यता लगभग 127.90 लाख हेक्टेयर में बुआई हो जाती है। 16 जुलाई 2021 तक 128.91  हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है, परंतु पिछले साल के मुकाबले यह बहुत कम है पिछले साल 149.35 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी, यानी कि अब तक 20.44 लाख हैक्टेयर में पिछले साल के मुकाबले बुआई कम हुई है। राज्यवार देखे तो राजस्थान में 3.79 लाख हेक्टेयर में बुआई नहीं हो पाई है। आंध्र प्रदेश में 2.12 लाख हेक्टेयर में बुआई नहीं हुई है। तेलंगाना में 59000, छत्तीसगढ़ में 52 हजार उत्तर प्रदेश में 30 हजार हैक्टेयर मैं तिलहन की बुआई नहीं हुई है। 

फसलों की बुआई में पिछड़ने का बड़ा कारण मानसून माना जा रहा है। कुछ इलाकों में मानसून इतना अधिक बरसा है कि किसान की बुआई बेकार गई तो कुछ इलाकों में मानसून की बारिश नहीं हुई। जिसके चलते अब तक किसान बुआई नहीं शुरु कर पाए हैं। इसे खरीफ सीजन के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है। 

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1 जून से 14 जुलाई 2021 के दौरान देश में 50 जिले ऐसे हैं, जहां बहुत कम (लार्ज डेफिशिएट) बारिश हुई। यानी कि इन जिलों में सामान्य से 60 फीसदी से लेकर 99 फीसदी तक बारिश हुई। इन 50 जिलों में से 18 जिले अकेले उत्तर प्रदेश के हैं। जबकि 6 जिले मणिपुर, 3 हरियाणा, 4 दिल्ली, 3 गुजरात के जिले शामिल हैं।

जबकि 80 जिले ऐसे हैं, जहां बहुत ज्यादा (लार्ज एक्सेस) यानी सामान्य से 60 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इनमें बिहार के 9, उत्तर प्रदेश के 5, तेलंगाना के 15 और तमिलनाडु के 23 जिले शामिल हैं। इसी तरह 95 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई।

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