हिमाचल बजट: 100 गांवों को प्राकृतिक खेती गांव के रूप में विकसित करेगी राज्य सरकार

हिमाचल सरकार के बजट में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती पर बल, 3615 पंचायतों में मॉडल होंगे खडे़, 100 गांवों को प्राकृतिक खेती गांव बनाया जाने की घोषणा
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को निरंतर बढ़ावा दे रही है। फोटो: रोहित पराशर
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को निरंतर बढ़ावा दे रही है। फोटो: रोहित पराशर
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प्रकृति के साथ सौहार्द बनाते हुए किसानों की आय को बढ़ाने के हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। प्रदेश को प्राकृतिक खेती राज्य के रूप में पहचान दिलवाने के लिए हिमाचल सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट में पर्यावरण हितैषी प्राकृतिक खेती को लेकर बड़े ऐलान किए गए हैं।
 
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश भर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसी के चलते अब हिमाचल सरकार ने हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के दायरे को बढ़ाने के लिए सभी पंचायतों में एक मॉडल खड़ा करने का लक्ष्य रखा है।
 
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जयराम की ओर से पेश किए गए बजट में हिमाचल प्रदेश में 100 गांवों को प्राकृतिक खेती गांव के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की गई है। बजट में पहले से प्राकृतिक खेती कर रहे 50,000 किसान-बागवानों के लिए निशुल्क प्रमाणीकरण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा जिसमें किसानों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा।
 
इसके अलावा बजट में प्राकृतिक खेती  के लिए दिल्ली सहित प्रदेशभर में 10 बिक्री केंद्र स्थापित किए जाएंगे। कृषि विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षा में प्राकृतिक खेती पर पाठ्यक्रम में संशोधन एवं शोध को प्रमुखता दी जाएगी। प्रदेशभर में 20 नए एफपीओ स्थापित किए जाएंगे जिनमें से 10 प्राकृतिक खेती पर आधारित होंगे।
 
गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश में चार साल पहले प्राकृतिक खेती को शुरू किया गया था और देशभर में केवल हिमाचल ऐसा राज्य हैं जहां पर प्राकृतिक खेती को सरकारी तौर पर चलाया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश की 3615 पंचायतों में 3590 में इस खेती विधि की पहुंच हो चुकी है और इससे अभी तक 1,68,741 किसान बागवान अपनी भूमि में कर रहे हैं।
 
प्रदेश में अभी तक 9388 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जा चुका है।
 
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को किसानों तक पहुंचाने के लिए शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने डाउन टू अर्थ को बताया कि हिमाचल के किसान बागवान बड़ी तेजी से इस खेती विधि को अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमनें अगले 15 वर्षाें में हिमाचल को प्राकृतिक खेती राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
 
प्रो चंदेल ने कहा कि किसानों के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने और उपभोक्ताओं को स्वस्थ और पोषणयुक्त खाद्यान मिले इसके लिए हमनें सतत खाद्य प्रणाली को तैयार किया है, जिसे लागू करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
 
हिमाचल प्रदेश में कृषि क्षेत्र प्रदेश की जीडीपी में 13 फीसदी का योगदान रखता है और प्रदेश में प्राकृतिक खेती के अलावा बजट में हिमाचल प्रदेश हींग की खेती, केसर की खेती और दालचीनी और मॉंक फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 583 करोड़ और बागवानी क्षेत्र के लिए 540 करोड रूपये के बजट की घोषणा की है। 

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