फसल बचाने वाले कीटनाशक का उत्पादन करता है फर्न, रासायनिक कीटनाशकों से मिल सकता है छुटकारा

मक्का और सोयाबीन के छह प्रमुख लेपिडोप्टेरान (कैटरपिलर) कीटों के खिलाफ कृत्रिम आहार-आधारित प्रोटीन बहुत असरकारक पाए गए
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, यूनाइटेड सोयाबीन बोर्ड
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खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल फसल उत्पादन का 40 प्रतिशत तक कीटों के कारण नष्ट हो जाता है। हर साल, पौधों की बीमारियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 220 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होता है और आक्रामक कीटों से कम से कम 70 बिलियन डॉलर का नुकसान हो जाता है।

जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि और वानिकी पारिस्थितिकी प्रणालियों में, विशेष रूप से ठंडे आर्कटिक, बोरियल, समशीतोष्ण और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कीटों के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। 

अब एक नए शोध में प्राकृतिक कीट नियंत्रण से फसलों के नुकसान को बचाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने की बात कही गई है। इस खोज से फसलों के लिए पौधे-निर्मित प्रोटीन से कीट नियंत्रण हो सकता है जो वैश्विक खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।

शोध के हवाले से ला ट्रोब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मर्लिन एंडरसन ने कहा, संरचनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि भले ही यह प्रोटीन पौधों द्वारा निर्मित होता है, लेकिन इसमें कीट नियंत्रण के लिए कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले ज्ञात तीन-डोमेन क्राय प्रोटीन के साथ कई समान विशेषताएं होती हैं।

ये प्रोटीन फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक लेपिडोप्टेरान (कैटरपिलर) कीटों से बचाते हैं।

कॉर्टेवा एग्रीसाइंस द्वारा इन प्रोटीनों की खोज कर भोजन और फाइबर उत्पादन को खतरे में डालने वाले कीटों से निपटने के लिए नए उपकरणों का विकास किया है। नए पाए गए प्रोटीन कार्रवाई का एक वैकल्पिक तरीका और मौजूदा कीटनाशक तरीकों के प्रति कीट प्रतिरोध की समस्या का एक अच्छा समाधान प्रदान करते हैं।

मक्का, सोयाबीन और कपास की प्रमुख वैश्विक फसलों में कीट नियंत्रण प्रमुख कीटों से सुरक्षा के लिए कीटनाशक प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए बैसिलस थुरिंगिएन्सिस (बीटी) से ट्रांसजेने का उपयोग करते हैं। वैकल्पिक समाधानों की खोज में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि, कहीं ये कीट इन प्रोटीनों के प्रति प्रतिरोध विकसित न कर लें।

यह अध्ययन कीटनाशक प्रोटीन के एक नए परिवार को उजागर करता है, जिसे आईपीडी113 के रूप में जाना जाता है, जो टेरिस प्रजाति के फर्न में पाए जाते हैं, जिन्हें "ब्रेक" के रूप में जाना जाता है, जो हाउसप्लांट के रूप में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं।

मक्का और सोयाबीन के छह प्रमुख लेपिडोप्टेरान (कैटरपिलर) कीटों के खिलाफ कृत्रिम आहार-आधारित प्रोटीन बहुत असरकारक पाए गए। इसके अलावा, आईपीडी113 प्रोटीन का उत्पादन करने वाले मक्का और सोयाबीन के पौधे, नियंत्रित पौधों की तुलना में पत्तियों और तनों को कीटों से होने वाले नुकसान के प्रति अधिक प्रतिरोधी पाए गए थे।

इन प्रोटीनों के एक उदाहरण के क्रिस्टल संरचना विश्लेषण से कुछ बीटी कीटनाशक प्रोटीनों की संरचना में आश्चर्यजनक समानता का पता चला, भले ही वे पौधों (बैक्टीरिया से नहीं) से प्राप्त हुए हों। विशेष रूप से, इन फर्न प्रोटीनों में एक डोमेन या भाग का अभाव होता है जो आमतौर पर बीटी प्रोटीन में मौजूद होता है लेकिन प्रभावशीलता बनाए रखता है।

उल्लेखनीय रूप से, ये फर्न प्रोटीन अभी भी फ़ॉल आर्मीवर्म को प्रभावित करते हैं जो पारंपरिक बीटी प्रोटीन के प्रतिरोधी थे। यह शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ दि नेशनल अकडेमी ऑफ साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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