उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी जिले के किसान सुबोध यादव पिछले तीन दशक से सफल किसान के रूप में अपनी फसलों से संतोषजनक पैदावार ले रहे थे। लेकिन पिछले पांच सालों में मौसम, खासकर बारिश के बदले मिजाज ने खरीफ की फसलों के उनके हिसाब किताब गड़बड़ा दिया है।
इस साल उन्होंने बारिश के पहले अपने नौ बीघा खेत में दस हजार रुपए की लागत से तिल और मूंगफली की बुआई की। बुआई के बाद पहले दिन की बारिश से अच्छी उपज होने की उम्मीद जगी, लेकिन अगले चार दिन की तेज बारिश में पूरा बीज सड़ कर खराब हो गया। इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने बारिश की अधिकता का लाभ, धान की उपज से लेने की कोशिश की। उसी खेत में धान रोपने के बाद अब 15 दिन से निकली तेज धूप ने खेत में भरा पानी सुखा दिया। आलम यह है कि अब धान की फसल, पानी के अभाव में पीली पड़ने लगी है।