साल 2023 भारत का दूसरा सबसे गर्म साल, अगले तीन महीने पड़ेगी कड़ाके की सर्दी

जनवरी 2024 के दौरान उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब समेत इन राज्यों में बारिश के सामान्य से अधिक होने का अनुमान है
साल 2023 भारत का दूसरा सबसे गर्म साल, अगले तीन महीने पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि भारत के लिए बीता साल 2023 अब तक का दूसरा सबसे गर्म साल रहा। हालांकि विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि जनवरी के महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में बहुत कठोर सर्दी पड़ सकती है।

भारत में वार्षिक औसत भूमि सतह वायु तापमान 1981 से 2010 की अवधि के लिए लंबे समय के औसत से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जो 2016 में दर्ज 0.71 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा कम है।

यह माप दुनिया भर के कई संकेतकों से मेल खाती है, जैसे समुद्र की सतह का तापमान, जिससे पता चलता है कि 2023 अब तक के सबसे गर्म साल में से एक होगा, मुख्यत अल नीनो प्रभाव के कारण

अल नीनो भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर का एक चक्रीय ताप है, जो दुनिया भर में व्यापक प्रभाव डालता है, जिसमें भारत में मॉनसून की शुरुआत के बाद बारिश की तीव्रता में कमी भी शामिल है। 2016 का सबसे गर्म वर्ष भी अल नीनो वर्ष था।

सर्दी का मौसम यानी जनवरी से मार्च 2024 के दौरान उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में सामान्य बारिश होने का पूर्वानुमान है। यहां लंबे समय का औसत (एलपीए) का 86 से 114 फीसदी तक बारिश हो सकती है।

वहीं, जनवरी से मार्च के दौरान पूरे देश में मौसमी वर्षा सामान्य से अधिक होने की संभावना जताई गई है, यानी यहां लंबे समय का औसत (एलपीए) का 112 फीसदी बारिश हो सकती है। भारत के सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीप, सुदूर उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार है, जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश के सामान्य से अधिक होने की संभावना है

जनवरी 2024 में के दौरान उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख मासिक बारिश के सामान्य से अधिक होने का अनुमान है, यहां लंबे समय का औसत (एलपीए) का 122 फीसदी बारिश होने की संभावना है।

जबकि, जनवरी 2024 के दौरान पूरे देश में मासिक वर्षा भी सामान्य से अधिक होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। बारिश के लंबे समय के औसत (एलपीए) के 118 फीसदी तक होने का अनुमान है।
जनवरी महीने के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश के सामान्य से कम होने की आशंका जताई गई है, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।

जनवरी 2024 के दौरान, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से कम होने की संभावना है, देश के कई हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं। जनवरी 2024 के दौरान मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर वाले दिनों के सामान्य से कम होने की संभावना है।

वहीं, अधिकतम तापमान में बदलाव संबंधी पूर्वानुमान देखें तो, जनवरी 2024 में मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। भारत के प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है।

प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम से तीव्र अल नीनो की स्थिति बनी हुई है और मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) औसत से ऊपर है। नवीनतम एमएमसीएफएस पूर्वानुमान से पता चलता है कि आगामी सीजन के दौरान मध्यम से मजबूत अल नीनो की स्थिति के जारी रहने के आसार हैं।

प्रशांत महासागर पर अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर एसएसटी जैसे अन्य कारण भी भारतीय जलवायु पर प्रभाव डालते हैं। वर्तमान में, हिंद महासागर में मजबूत सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) स्थितियां देखी जा रही हैं और नवीनतम एमएमसीएफएस पूर्वानुमान से पता चलता है कि सकारात्मक आईओडी स्थितियां कमजोर होने और अगले साल की शुरुआत में तटस्थ स्थिति में बदलाव होने की संभावना है।

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