जुलाई में सामान्य से अधिक होगी बारिश व तापमान भी रहेगा ज्यादा

मौसम विभाग ने जुलाई 2025 के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जो लंबे समय के औसत (एलपीए) के 106 फीसदी से अधिक है।
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर काफी समय तक कम दबाव वाले क्षेत्र बनने से कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के नदी घाटियों में अत्यधिक बारिश हो सकती है।
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर काफी समय तक कम दबाव वाले क्षेत्र बनने से कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के नदी घाटियों में अत्यधिक बारिश हो सकती है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जुलाई 2025 के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जो लंबे समय के औसत (एलपीए) के 106 फीसदी से अधिक है।

30 जून को मौसम विभाग के द्वारा आयोजित एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

हालांकि उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्वी भारत के कई हिस्सों, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के सुदूर दक्षिण और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने का भी अंदेशा जताया है।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून की सामान्य तिथि के बजाय 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, जो 2009 के बाद 17 वर्षों में सबसे जल्दी दस्तक है, जब इसने 23 मई को दस्तक दी थी। मॉनसून ने 29 जून को पूरे देश को कवर कर लिया है, जो आठ जुलाई की अपनी सामान्य तिथि से नौ दिन पहले है।

मॉनसून 29 मई तक तेजी से आगे बढ़ा और दक्षिण भारत तथा पूर्वोत्तर भारत को इसने कवर किया। 16 जून से इसकी आगे की प्रगति शुरू हुई। तेजी से आगे बढ़ते हुए, इसने 26 जून तक उत्तर-पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी पंजाब और दक्षिण हरियाणा, दिल्ली के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर इलाकों को कवर किया।

मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर काफी समय तक कम दबाव वाले क्षेत्र बनने की भी चेतावनी दी है, जिससे कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के नदी घाटियों में अत्यधिक बारिश हो सकती है

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात सहित कई राज्यों में भारी बारिश ने लोगों के रोजमर्रा के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भूस्खलन, सड़क अवरोध, जलभराव की घटनाएं सामने आ रही हैं

जुलाई 2025 के लिए तापमान का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के मुताबिक, जुलाई 2025 में, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ इलाकों में तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं, कई क्षेत्रों में मासिक औसत अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद जताई गई है।

देश के कई हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान के सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। हालांकि पूर्वोत्तर भारत, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की आशंका है।

समुद्र के सतह का तापमान (एसएसटी)

प्रशांत और हिंद महासागर में एसएसटी की स्थिति तटस्थ एल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर प्रबल है।

नवीनतम मॉनसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) और अन्य जलवायु मॉडल के पूर्वानुमान बताते हैं कि ये तटस्थ स्थितियां मॉनसून के मौसम के अंत तक बनी रहेंगी।

वर्तमान में, हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) की स्थिति देखी जा रही है। मॉडल पूर्वानुमान आने वाले महीनों के दौरान नकारात्मक आईओडी स्थितियों की ओर इशारा कर रहे हैं।

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