इस सर्दी सामान्य से कम रहेगा तापमान, कई क्षेत्रों में बढ़ेगी शीतलहर

मौसम विज्ञान विभाग ने दिसंबर से फरवरी तक के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया
फाइल फोटो: विकास चौधरी
फाइल फोटो: विकास चौधरी
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सारांश
  • मौसम विभाग के अनुसार आगामी सर्दियों में उत्तर, मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है

  • जबकि शीतलहर के अधिक दिन देखने को मिलेंगे।

  • दिसंबर में दक्षिण भारत में सामान्य वर्षा होगी और ला नीना व हिंद महासागर की स्थितियां मौसम पर असर डालेंगी।

भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी सर्दी (दिसंबर 2025 से फरवरी 2026) और दिसंबर 2025 के लिए तापमान व वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार इस बार देश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है, जबकि शीतलहर के दिनों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

उत्तर, मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में तापमान कम रहने के आसार

मौसम विभा के अनुसार आगामी सर्दियों में केंद्रीय भारत, उत्तर-पश्चिम भारत और उसके आसपास के इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम या सामान्य के आसपास रहेगा। वहीं पूर्वोत्तर भारत और हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

शीतलहर के अधिक दिन

पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में इस बार शीतलहर के अधिक दिन देखने को मिल सकते हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि तापमान में गिरावट के कारण बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए जोखिम बढ़ सकता है, साथ ही घना कोहरा परिवहन सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।

दिसंबर के लिए तापमान और वर्षा का अनुमान

मौसम विभाग ने कहा है कि दिसंबर में मध्य एवं उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक रहेगा, जबकि कुछ हिस्सों में यह सामान्य से कम भी हो सकता है।

बारिश की अगर बात करें तो पूर्वानुमान है कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक शामिल हैं में दिसंबर 2025 के दौरान सामान्य बारिश होगी। पूरे देश में भी दिसंबर की मासिक वर्षा औसत दायरे में रहने का अनुमान है, हालांकि कई इलाकों में सामान्य से अधिक और कुछ हिस्सों में कम वर्षा हो सकती है।

ला नीना और हिंद महासागर की स्थिति का प्रभाव

मौसम विभाग ने कहा है कि वर्तमान में कमजोर ला नीना स्थितियां बनी हुई हैं, जो सर्दियों के दौरान जारी रह सकती हैं। वहीं हिंद महासागर में नकारात्मक इंडियन ओशन डाइपोल की स्थिति धीरे-धीरे कमजोर हो रही है और मौसम पर इसका भी असर पड़ेगा।

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