

चक्रवाती तूफान ‘मन्था’ मध्यरात्रि में आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश, रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी।
अचानक बाढ़ का खतरा: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के निचले इलाकों में अचानक का खतरा।
अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग में एक और डिप्रेशन सक्रिय है, यह पिछले छह घंटों में आठ किमी प्रति घंटे की दर से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ा है।
उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय मौसम प्रणाली: पश्चिमी विक्षोभ के असर से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान।
आज, 29 अक्टूबर 2025 की सुबह भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बना भीषण चक्रवाती तूफान ‘मन्था’ (Montha) कमजोर पड़ कर अब चक्रवाती तूफान के रूप में आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में पहुंच गया है। इस तूफान ने बीते कुछ दिनों में समुद्र में तेज हवाओं और भारी बारिश का कारण बनते हुए तटीय इलाकों में चिंता बढ़ा दी थी।
मौसम विभाग के अनुसार, तूफान ‘मोंथा’ पिछले छह घंटों में लगभग 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ गया है। आज तडके 2:30 बजे यह आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के पास केंद्रित था। यह नरसापुर से लगभग 20 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम, मछलीपट्टनम से 50 किमी उत्तर-पूर्व और काकीनाडा से लगभग 90 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में स्थित था।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले छह घंटों तक यह तूफान अपनी वर्तमान तीव्रता बनाए रखेगा, उसके बाद धीरे-धीरे कमजोर होकर गहरे दबाव (डीप डिप्रेशन) में बदल सकता है। तूफान की वजह से तटीय जनपदों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश का दौर जारी है। विभाग के द्वारा इस प्रणाली पर लगातार मछलीपट्टनम और विशाखापट्टनम के डॉपलर रडारों, उपग्रहों, स्वचालित मौसम केंद्रों और समुद्री बॉयों के माध्यम से नजर रखी जा रही है।
अरब सागर में एक और दबाव का क्षेत्र
इसी बीच, अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग में एक और दबाव का क्षेत्र (डिप्रेशन) सक्रिय है। यह पिछले छह घंटों में आठ किमी प्रति घंटे की दर से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ा है। यह मुंबई से लगभग 420 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम और गुजरात के वेरावल से करीब 440 किमी दक्षिण-पश्चिम में है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इसके अगले 36 घंटों तक अरब सागर के ऊपर ही उत्तर-पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ने का अनुमान है।
भारी बारिश के आसार
उपरोक्त तूफानी गतिविधियों के चलते आज, 29 अक्टूबर, 2025 को ओडिशा के कई इलाकों में गरज के साथ भारी से बहुत भारी, जबकि कुछ हिस्सों में भीषण बारिश होने का अंदेशा जताया गया है। विभाग ने ओडिशा में बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 204.5 मिमी से अधिक पानी बरस सकता है।
वहीं आज, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ तथा सौराष्ट्र और कच्छ में गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। इन सभी राज्यों में 115.6 से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है। यहां बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है।
विभाग की मानें तो आज, 29 अक्टूबर, 2025 को बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं। विभाग ने इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
बरसात के साथ ही कई राज्यों में गरज-चमक के साथ तूफानी हवाएं चलने की भी आशंका जताई गई है। विभाग ने कहा है कि आज, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने तथा वज्रपात के आसार हैं। वहीं आज, केरल, लक्षद्वीप, तेलंगाना और विदर्भ में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से तेज हवाएं चलने तथा बिजली गिरने का अंदेशा जताया गया है।
आज, बिहार, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली हवाओं के साथ बारिश व वज्रपात होने के आसार हैं। विभाग ने इन इलाकों में लोगों को खुले स्थानों, बिजली के खंभों और बड़े पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
कहां है अचानक बाढ़ का खतरा?
मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई जिलों में अचानक बाढ़ का खतरा जताया है। आंध्र प्रदेश में पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा, गुंटूर, नेल्लोर, प्रकाशम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापट्टनम जिलों में नदियों व जलाशयों का जलस्तर बढ़ सकता है तथा अचानक बाढ़ आने की आशंका है।
वहीं, तेलंगाना के खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, मंचेरियल, नलगोंडा, सूर्यापेट जैसे जिलों में भी निचले इलाकों में अचानक बाढ़ व जलभराव के आसार हैं। राज्य प्रशासन ने राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।
सतर्कता और जन सुरक्षा के उपाय
मौसम विभाग ने सभी तटीय राज्यों को सलाह दी है कि वे आपदा प्रबंधन दलों, पुलिस और स्वास्थ्य विभागों को तैयार रखें। स्थानीय लोगों से कहा गया है कि तूफान के समय घरों के भीतर रहें और खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें। समुद्र या नदियों के किनारे न जाएं। बिजली गिरने के दौरान खुले स्थानों में मोबाइल फोन या धातु के सामान का उपयोग न करें।
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ इस साल का एक बड़ा मौसमी तंत्र है जिसने बंगाल की खाड़ी से उठकर आंध्र प्रदेश के तट तक अपनी रफ्तार बनाई। हालांकि यह अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इससे कारण भयंकर बारिश, तूफानी हवाएं और बाढ़ जैसी स्थितियां आने वाले 24 घंटों तक जारी रह सकती हैं।
मौसम विभाग और राज्य प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं, अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक मौसम अपडेट पर भरोसा करें।
उत्तर-पश्चिम भारत में भी सक्रिय मौसम प्रणाली
उत्तर-पूर्वी राजस्थान और आस-पास के इलाकों में एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार जारी है। पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर पछुआ हवाओं में एक ट्रफ के रूप में बना हुआ है। जिसके कारण पूर्वी राजस्थान में 28 और 30 अक्टूबर को बहुत भारी बारिश हो सकती है।
वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 और 31 अक्टूबर को गरज के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। हालांकि इस बीच तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है और अगले पांच से सात दिनों तक मौसम लगभग सामान्य रहेगा।
वहीं पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मौसमी बदलाव की बात करें तो, यहां ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई है। कुमाऊं के ऊंचे हिमालयी इलाकों में बारिश व बर्फबारी होने से तापमान लुढ़क गया है।
मौसम विभाग की मानें तो आज, राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। जबकि कुछ पहाड़ी इलाकों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। चक्रवर्ती तूफान 'मोंथा' का उत्तराखंड में कोई सीधा असर नहीं दिखाई दिया लेकिन हिमालयी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, 29 अक्टूबर से तीन नवंबर तक हिमाचल प्रदेश में मौसम के साफ बने रहने का अनुमान है। जिससे राज्य के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। जबकि अगले तीन से चार दिनों में न्यूनतम तापमान में धीरे धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। दिन में गर्म और सुबह शाम सर्द मौसम रहने की संभावना है।
देश की राजधानी दिल्ली व उससे सटे एनसीआर में मौसम का मिजाज देखें तो, कल हुई पहले दौर की क्लाउड सीडिंग के बावजूद दिल्ली में कहीं बारिश नहीं हुई। लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता में एक दिन पहले के मुकाबले मामूली सुधार देखने को मिला। कल दिल्ली का अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 4.6 डिग्री की गिरावट है। न्यूनतम तापमान 20 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, यह सामान्य से 3.9 डिग्री अधिक है।
विभाग की मानें तो आज दिल्ली में बादल छाए रहेंगे। आज, अधिकतम तापमान के 30 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान के 18 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 28 अक्टूबर, 2025 को त्रिपुरा के कैलाशनगर में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में हिमाचल प्रदेश के ऊना में न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 28 अक्टूबर, 2025 को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, ओडिशा, रायलसीमा, झारखंड, केरल और माहे तथा तटीय कर्नाटक के अधिकतर इलाकों, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई।
वहीं कल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, मराठवाड़ा, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, कोंकण और गोवा, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, लक्षद्वीप, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पश्चिम मध्य प्रदेश के कई इलाकों बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 28 अक्टूबर, 2025 को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कावली में 12 सेमी, ओंगोल में 10 सेमी, नेल्लोर में 8 सेमी, तुनी में 2 सेमी, ओडिशा के चांदबली में 5 सेमी, भुवनेश्वर, पारादीप पोर्ट और संबलपुर प्रत्येक जगह 2 सेमी, रायलसीमा के नंद्याल में 4 सेमी, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों के हल्दिया और मिदनापुर प्रत्येक जगह 4 सेमी, सागर द्वीप में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।
वहीं कल, कोंकण और गोवा के अलीबाग में 3 सेमी, झारखंड के जमशेदपुर में 3 सेमी, गुजरात के सुरेंद्रनगर में 2 सेमी, पूर्वी राजस्थान के कोटा और चित्तौड़गढ़ प्रत्येक जगह 2 सेमी, मराठवाड़ा के औरंगाबाद में 2 सेमी, लक्षद्वीप के मिनिकॉय में 2 सेमी, केरल और माहे के पुनालूर में 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।