अप्रैल में गर्मी ने बनाए कई रिकॉर्ड, मई में भी सामान्य से अधिक रहेगा तापमान

मौसम विज्ञान विभाग ने अप्रैल महीने के मौसम का विश्लेषण प्रस्तुत किया। साथ ही, मई माह का पूर्वानुमान भी जारी किया
अप्रैल में गर्मी ने बनाए कई रिकॉर्ड, मई में भी सामान्य से अधिक रहेगा तापमान
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पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में इस साल अप्रैल में न्यूनतम तापमान ने 123 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अप्रैल 2024 में भारत के इन दो क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान 22.19 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य तापमान से 1.78 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग का कहना है कि 1901 से लेकर अब तक का यह सबसे अधिक तापमान है। यहां का अधिकतम तापमान सामान्य से 2.25 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो 1901 से लेकर अब तक का नौंवा गर्म महीना था। 

एक मई 2024 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि दक्षिणी प्रायद्वीप में अप्रैल का महीने 1901 से लेकर अब तक का दूसरा सबसे गर्म महीना रिकार्ड किया गया। 

विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मध्य भारत में अप्रैल में लू या हीटवेव की घटनाएं नहीं हुई, लेकिन ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हीटवेव की उल्लेखनीय घटनाएं हुई। 15 अप्रैल से ओडिशा में और 17 अप्रैल से पश्चिम बंगाल में भीषण हीटवेव या लू का कहर जारी है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, देश के अधिकतर इलाकों में मई के महीने में अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं। वहीं, पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश इलाकों, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर भारत, भारत के प्रायद्वीप के निकटवर्ती इलाकों के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य या उससे नीचे रहने की संभावना है।

वहीं, न्यूनतम तापमान की बात करें तो, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों, सिंधु-गंगा के मैदानों, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना है। जबकि, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है।

मौसम विज्ञान के मुताबिक, सामान्यतः मई में लगभग तीन दिनों तक उत्तर के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और भारत के प्रायद्वीप के निकटवर्ती इलाकों में गर्म हवाएं चलती है। बढ़ते तापमान के चलते मई के महीने में दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात के कई इलाकों में पांच से आठ दिनों तक हीटवेव चलने की आशंका जताई गई है।

वहीं, राजस्थान, पूर्व मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, ओडिशा के अंदरूनी हिस्सों, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना तथा उत्तरी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में दो से चार दिन तक हीटवेव की घटनाएं होने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने कहा है कि मई के महीने में पूरे देश में औसत बारिश सामान्य यानी एलपीए के 91 से 109 फीसदी रहने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश इलाकों, मध्य, प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। वहीं देश के शेष भागों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई गई है।

भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्री सतह का तापमान (एसएसटी) स्थितियां
मौसम विभाग की मानें तो वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो की स्थिति मौजूद है, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्सों में समुद्री सतह के तापमान (एसएसटी) की विसंगतियां कमजोर होती जा रही हैं। नवीनतम एमएमसीएफएस (मॉनसून मिशन युग्मित पूर्वानुमान प्रणाली) के पूर्वानुमान से पता चलता है कि मॉनसून के मौसम की शुरुआत में ये अल नीनो स्थितियां तटस्थ स्थितियों में बदल सकती हैं।

यहां बताते चलें कि प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर एसएसटी जैसे अन्य कारक भी भारत में जलवायु को प्रभावित करते हैं।

मौसम विभाग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के हवाले से कहा है कि वर्तमान में, हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां व्याप्त हैं। नवीनतम जलवायु मॉडलों से पता चलता हैं कि मॉनसून के मौसम के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है।

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