चेरापूंजी से अधिक बारिश के कारण ऋषिकेश ने बनाया रिकॉर्ड

1 अगस्त से 25 अगस्त के बीच ऋषिकेश में 1901 मिमी बारिश हुई
The Ganga river flowed above the danger mark for many days in August in Rishikesh. Photo: iStock
The Ganga river flowed above the danger mark for many days in August in Rishikesh. Photo: iStock
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अगस्त के पहले तीन सप्ताह के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश शहर में हुई भारी बारिश ने भारत के सबसे अधिक बारिश वाले क्षेत्र चेरापूंजी को पछाड़ दिया। 1 से 25 अगस्त 2023 के दौरान  ऋषिकेश शहर ने देश में सबसे अधिक बारिश वाले शहर का रिकॉर्ड कायम किया।

दक्षिण कोरिया में जेजू नेशनल यूनिवर्सिटी के टाइफून रिसर्च सेंटर के शोध वैज्ञानिक विनीत कुमार सिंह के अनुसार, 1 अगस्त से 25 अगस्त के बीच शहर में 1901 मिमी बारिश हुई।

यह तब है जब भारत और दुनिया के दो सबसे अधिक बारिश वाले स्थानों, चेरापूंजी और मावसिनराम में इसी अवधि में क्रमशः 1876.3 मिमी और 1464 मिमी वर्षा हुई। हालांकि, सिंह के अनुसार, पिछले तीन दिनों में चेरापूंजी ने 332 मिमी बारिश के साथ अपना शीर्ष स्थान फिर से हासिल कर लिया है।

शहर में अत्यधिक भारी बारिश के कारण भारी बाढ़ आ गई और अगस्त में कई दिनों तक गंगा नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बही, जिससे शहर के लोगों को खतरा पैदा हो गया। यहां तक कि दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत तक हो गई।

ऋषिकेश के अलावा वर्तमान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का मौसम उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बाकी पर्वतीय राज्यों के लिए भी विनाशकारी रहा है। जुलाई के पहले दो हफ्तों में पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसून के कम दबाव वाले क्षेत्र के बीच एक दुर्लभ मेल के कारण दोनों राज्यों में भारी से अत्यधिक वर्षा हुई।

अगस्त में अधिकांश अत्यधिक वर्षा मॉनसून के विराम चरण (ब्रेक) में होने के कारण हुई है। मॉनसून का विराम चरण उस समय को कहा जाता है जब मॉनसून ट्रफ (जो कम दबाव का एक विस्तारित क्षेत्र है जो मौसम के दौरान देश भर में अधिकांश वर्षा का कारण बनता है) उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर बढ़ता है।

इस चरण के दौरान वर्षा का पैटर्न हिमालय की तलहटी की ओर बदल जाता है, जहां भारी वर्षा होती है, अक्सर बादल फटने की घटनाएं भी इसी समय होती हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में कोई बारिश नहीं होती है।

मॉनसून का चालू सीजन में 7 अगस्त से 18 अगस्त के बीच और फिर 24 अगस्त से ब्रेक चरण चल रहा है। इस महीने में मॉनसून के ब्रेक के कारण पूरे देश में अगस्त रिकॉर्ड के अनुसार सबसे शुष्क रहने की संभावना है।

दो महीनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आकस्मिक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की जान चली गई और बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ।

गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 27 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 192 मौतें हुई हैं, जबकि उत्तराखंड में यह संख्या 81 है।

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