जलवायु परिवर्तन का नजारा, राजस्थान में सामान्य से तीन गुणा अधिक हुई प्री-मॉनसून बारिश

राजस्थान में मई माह में बारिश का 100 साल का रिकॉर्ड टूटा है, जबकि बीकानेर में एक ही दिन में इतनी ज्यादा बारिश हुई है कि इससे पहले कभी नहीं हुई
पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसने वाले राजस्थान में अब इतनी बारिश होने लगी है कि लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। फाइल फोटो: सीएसई/रवलीन कौर
पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसने वाले राजस्थान में अब इतनी बारिश होने लगी है कि लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। फाइल फोटो: सीएसई/रवलीन कौर
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राजस्थान में मई माह के दौरान हुई बारिश ने 105 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। एक मई से 31 मई 2023 के दौरान राज्य में 62.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो सामान्य से साढ़े चार गुणा (458 प्रतिशत) अधिक थी। राज्य के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इससे पहले 1917 में मई माह के दौरान 71.9 मिमी बारिश हुई थी।

राज्य में मई माह के दौरान होने वाली बारिश का सामान्य तौर पर 13.6 मिमी होती है, जो साल 1971 से 2020 के आंकड़ों का औसत आधार है, इसे दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) भी कहा जाता है।

पूर्वी राजस्थान के मुकाबले पश्चिमी राजस्थान में अधिक बारिश हुई। पूर्वी राजस्थान में एलपीए से 428 प्रतिशत, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 481 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान का ज्यादातर हिस्सा मरुस्थल है और इस क्षेत्र का सूखे का लंबा इतिहास रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के सभी 33 जिलों में सामान्य से बहुत ज्यादा यानी 60 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई। लेकिन बीकानेर शहर ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीकानेर में 29 मई 2023 के दिन 72.8 मिमी बारिश हुई, जबकि इससे पहले यहां एक दिन में अब तक की सबसे अधिक वर्षा साल 1999 में 63.1 मिमी रिकॉर्ड की गई थी।

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 4.8 प्रतिशत प्री-मानसून सीजन (मार्च से मई) में होती है। इस दौरान सामान्य तौर पर 23.2 मिमी होती है, लेकिन 2023 में 1 मार्च से 31 मई के दौरान 95.5 मिमी बारिश हुई। जो सामान्य से 312 प्रतिशत अधिक है।

इस सीजन में सामान्य से पूर्वी राजस्थान में 320 प्रतिशत और पश्चिमी राजस्थान में 308 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। प्री मॉनसून सीजन में सबसे अधिक बूंदी में रिकॉर्ड की गई। यहां 542 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। इसके बाद डुंगरपुर में सामान्य से 505 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

पिछले साल 2022 में राजस्थान में प्री-मॉनसून सीजन में 8 मिमी बारिश हुई थी, जबकि यानी कि सामान्य से 65.7 प्रतिशत कम थी और अगर मई महीने की बात करें तो मई 2022 में केवल 5.7 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य से 58.1 प्रतिशत कम थी।

यहां यह खास बात है कि पिछले कुछ सालों में भारत के जिन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज्यादा दिख रहा है, उसमें राजस्थान प्रमुख है। कभी अपने शुष्क मौसम के लिए कुख्यात राजस्थान में अब बारिश इतनी बेतरतीब हो रही है कि यहां बाढ़ तक आने लगी है।

साल 2017 में तो राजस्थान में इतनी अधिक बारिश हुई थी कि कई इलाकों में बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ। इसकी बड़ी वजह यह रही कि राजस्थान में लोगों को सूखे से निपटने का तो अभ्यास है, लेकिन बाढ़ से निपटने का अभ्यास नहीं है। यहां तक कि राज्य के आपदा प्रबंधन प्लान में भी बाढ़ से निपटने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। उसके बाद यह सिलसिला लगातार बढ़ रहा है।

साल 2021 के मॉनसून सीजन (जून-सिंतबर) में राजस्थान में सामान्य के मुकाबले 117 प्रतिशत बारिश हुई। खास बात यह कि माह सितंबर 2021 में सामान्य के मुकाबले 176 प्रतिशत बारिश हुई। इससे पहले साल 2019 के मॉनसून सीजन में सामान्य के मुकाबले 141 प्रतिशत बारिश हुई थी।

बारिश की अनियमितता ने राजस्थान के उन लोगों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है, जो अब तक कम बारिश होने के कारण अपने रहन-सहन में काफी बदलाव कर चुके थे।

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