नवंबर 2025: देश में सामान्य बारिश और तापमान की संभावना

नवंबर 2025 में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य बारिश, ला नीना के कारण तापमान में हल्का उतार-चढ़ाव रहने के आसार।
नवंबर 2025 के दौरान पूरे देश में मासिक बारिश सामान्य (दीर्घकालिक औसत के 77-123 फीसदी) रहने की संभावना है।
नवंबर 2025 के दौरान पूरे देश में मासिक बारिश सामान्य (दीर्घकालिक औसत के 77-123 फीसदी) रहने की संभावना है।
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सारांश
  • दक्षिण भारत में नवंबर 2025 के दौरान सामान्य बारिश (लंबी अवधि औसत के 77 से 123 फीसदी) की संभावना।

  • देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक या सामान्य बारिश, जबकि उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत में बारिश के कम होने की आशंका।

  • अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम, लेकिन उत्तर-पूर्व, दक्षिण और हिमालयी क्षेत्र में तापमान अधिक रह सकता है।

  • ला नीना स्थितियां प्रशांत महासागर में सक्रिय रहेंगी, नकारात्मक आईओडी धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने नवंबर 2025 के लिए देशभर में बारिश और तापमान का मासिक पूर्वानुमान जारी किया है। यह रिपोर्ट पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन तैयार की गई है और इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए संभावित मौसम की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे, तथा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक शामिल हैं, में नवंबर के महीने में सामान्य बारिश, यानी लंबी अवधि औसत के 77 से 123 फीसदी तक होने की संभावना है।

दक्षिण भारत के इन हिस्सों में अक्टूबर से दिसंबर के बीच सामान्यतः भारी बारिश होती है, जिसे पूर्वोत्तर मानसून कहा जाता है। नवंबर के दौरान औसत बारिश (1971 से 2020 के आंकड़ों के अनुसार) लगभग 118.7 मिमी रहती है।

नवंबर 2025 के दौरान पूरे देश में मासिक बारिश सामान्य (दीर्घकालिक औसत के 77-123 फीसदी) रहने की संभावना है। 1971 से 2020 तक के आंकड़ों के आधार पर, नवंबर माह के दौरान देश भर में बारिश का दीर्घकालिक औसत लगभग 29.7 मिमी है।

देश के बाकी इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत और भारत की दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का पूर्वानुमान है।

कैसा रहेगा तापमान?

देश भर में अधिकतम तापमान की बात करें तो अधिकतर इलाकों में सामान्य से कम या सामान्य रहने की संभावना है। हालांकि उत्तर-पूर्व भारत, उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और हिमालय की तलहटी में सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है।

वहीं, न्यूनतम तापमान देखें तो नवंबर के महीने देश के अधिकांश हिस्सों इलाकों में न्यूनतम तापमान के अधिक रहने का अंदेशा जताया गया है। केवल उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में ही न्यूनतम तापमान के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ है कि देश के कई हिस्सों में रातें सामान्य से थोड़ी गर्म रह सकती हैं, जबकि दिन का तापमान सामान्य दायरे में रहेगा।

ला नीना और भारतीय महासागर की स्थिति

मौसम पूर्वानुमान पर महासागरीय परिस्थितियों का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में ला नीना परिस्थितियां भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सक्रिय हैं। विभाग के अनुसार, इन परिस्थितियों के नवंबर से दिसंबर 2025 तक जारी रहने की संभावना है।

प्रशांत महासागर में अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर के समुद्री सतही तापमान (एसएसटी) जैसे अन्य कारक भी भारतीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।

साथ ही, भारतीय महासागर द्विध्रुव की स्थिति नकारात्मक बनी हुई है। हालांकि, अनुमान है कि आने वाले महीनों में यह स्थिति धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकती है।

ला नीना सामान्यतः भारत में सर्दी और बारिश के पैटर्न को प्रभावित करता है। इसकी वजह से दक्षिण भारत में कभी-कभी सामान्य या अधिक बारिश देखी जाती है, जबकि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में ठंड देर से शुरू होती है।

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