मिनी मॉनसून से भी होने लगी तबाही, कई  इलाकों में बाढ़

दक्षिण पश्चिमी मॉनसून वापस हो चुका है और अब नॉर्थ ईस्ट मॉनसून शुरू हुआ है, जिसे मिनी मॉनसून कहा जाता है, इस वजह से कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है और बाढ़ के हालात बन गए हैं
Photo: Hrishi Jawahar @jhrishi2/Twitter
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दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापिसी के साथ ही नॉर्थ ईस्ट मॉनसून की शुरुआत हो गई है। इसकी वजह अरब सागर में कम दबाव वाला सिस्टम बताया गया है। नॉर्थ ईस्ट मॉनसून को मिनी मॉनसून भी कहा जाता है।

पिछले साल नॉर्थ ईस्ट मॉनसून की शुरुआत कमजोर रही थी और बीच में रुक गई थी, जिसमें 26 भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22 नवंबर से 28 नवंबर, 2018 के बीच बारिश नहीं हुई और देश भर में 44 प्रतिशत की कमी हुई।

आमतौर पर तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाली वार्षिक वर्षा के 48 प्रतिशत हिस्सेदारी नॉर्थ ईस्ट मॉनसून की रहती है और तटीय क्षेत्र आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल, दक्षिणी कर्नाटक में इसकी उपस्थिति अच्छी खासी रहती है। भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इस बात पर हैरान है कि इस बार निम्न-दबाव प्रणाली की वजह से 20 अक्टूबर से केरल में बेहद भारी हो रही है।

आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में रेड अलर्ट जारी किया है, क्योंकि बारिश के बाद ही कई जिलों में बारिश हुई थी। 20 अक्टूबर की दोपहर को आईएमडी ने तिरुवनंतपुरम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, पलक्कड़ और मलप्पुरम के सात जिलों के लिए एक ऑरेंज अलर्ट (’तैयार रहें’) जारी किया था।

केवल 24 घंटों के बाद, आईएमडी ने छह जिलों - तिरुवनंतपुरम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की और पलक्कड़ के लिए अपने अलर्ट को बदल दिया। जबकि मलप्पुरम का नारंगी अलर्ट नहीं बदला गया था, त्रिशूर को रेड अलर्ट पर रखा गया था।

त्रिशूर जिला, जहां लगभग 30 लाख लोग रहते हैं को पिछले दिन ग्रीन अलर्ट दिया गया था, इसलिए अधिकारियों ने कोई तैयारी नहीं की थी। 20 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे से 21 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे तक अलाप्पुझा में 173.4 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई, जबकि एर्नाकुलम में 160.4 मिमी बारिश हुई। एर्नाकुलम में चल रहे उपचुनाव चुनाव बारिश की वजह से बाधित हो गए हैं।

आईएमडी ने पांच जिलों में 22 अक्टूबर को बेहद भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है, जबकि तिरुवनंतपुरम के लिए रेड अलर्ट को येलो अलर्ट की श्रेणी में लाया गया है, अलप्पुझा और कोट्टायम के लिए, अलर्ट को नारंगी में बदल दिया गया। मलप्पुरम के नारंगी अलर्ट को 22 अक्टूबर के लिए लाल रंग में अपग्रेड किया गया।

आईएमडी ने दक्षिणी प्रायद्वीप के अन्य क्षेत्रों में भी भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है। उत्तर कर्नाटक में अभी लोग अगस्त में आई बाढ़ से पूरी तरह से नहीं उबर पाए थे कि अब फिर से भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। 20 अक्टूबर को धारवाड़ और हावेरी जिलों में क्रमशः सामान्य से 1,363 और 1,290 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

मौसम विभाग का कहना है कि एक और निम्न दबाव वाला क्षेत्र जो 23 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में बनेगा, अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा लाएगा।

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