मौसम विभाग ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून- जून से सितंबर 2023 का मौसम संबंधी आउटलुक किया जारी किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान बारिश के सामान्य औसत (एलपीए) का 96 से 104 फीसदी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि, 1971 से 2020 की अवधि के लिए पूरे देश में मौसमी बारिश का एलपीए 87 सेमी है।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि, पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम में बारिश चार फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है, जो कि एलपीए का 96 फीसदी तक होने की संभावना है।
वहीं क्षेत्रवार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम में बारिश की बात करें तो उत्तर-पश्चिम भारत में इसके सामान्य से कम या एलपीए का 92 फीसदी और अन्य तीन क्षेत्रों में सामान्य रहने की संभावना है। मध्य भारत में बारिश एलपीए के 94 से 106 फीसदी, वहीं उत्तर पूर्व भारत में एलपीए के 94 से 106 फीसदी और भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए के 94 से 106 फीसदी तक हो सकती है बारिश।
मौसम विभाग के मुताबिक देश के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि वाले इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी वर्षा सामान्य यानी एलपीए के 94 से 106 फीसदी तक रहने की संभावना है।
मॉनसूनी मौसम की बारिश के स्थानीय वितरण के संबंध में, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों, पूर्व मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों और पूर्वोत्तर और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों और इससे सटे पश्चिम मध्य भारत, भारतीय प्रायद्वीप के उत्तरी भागों और हिमालय की तलहटी में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।
जून में, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिम भारत, उत्तर भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, वहीं इन हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में महीने भर सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।
जून में, भारत के उत्तर और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से कम या सामान्य रहने की संभावना है, वहीं देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक होने की आशंका जताई गई है।
जून महीने के दौरान, भारत के उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान के सामान्य या सामान्य से कम रहने की संभावना है, इन हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है।
नवीनतम वैश्विक मॉडल के पूर्वानुमान के मुताबिक, आगामी मॉनसूनी मौसम के दौरान भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ऊपर अल नीनो स्थितियों के विकास और हिंद महासागर के ऊपर आईओडी स्थितियों हो सकती हैं।
क्योंकि प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति भारतीय मॉनसून पर गहरे प्रभाव के लिए जाना जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि, वह इन महासागर घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास का सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है। मौसम विभाग ने कहा कि वह जून के अंतिम सप्ताह में जुलाई की बारिश के लिए पूर्वानुमान जारी करेगा।