30 सितंबर के साथ ही मॉनसून सीजन 2022 समाप्त हो गया। मौसम विभाग का कहना है कि 1 जून से 30 सितंबर 2022 तक चले इस सीजन के दौरान सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। हालांकि मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि देश में 188 जिले (27 प्रतिशत) ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम (20 से 59 प्रतिशत) बारिश हुई, जबकि 7 जिलों में सामान्य बहुत कम (60 से 99 प्रतिशत) से बारिश हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक देश में मॉनसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) के दौरान 925 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 868.6 है। इस तरह इस सीजन में 6.49 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।
अगर रीजन स्तर पर बात करें तो उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य (587.6 मिमी) के मुकाबले 1 प्रतिशत अधिक (594.3 मिमी) बारिश हुई। लेकिन पूर्वी व उत्तर पूर्वी भारत में 18 फीसदी कम बारिश हुई। यहां सामान्य तौर पर 1367.3 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल मानूसन सीजन में 1124.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
उधर मध्य भारत में 19 फीसदी अधिक बारिश हुई। यहां सामान्य तौर पर 978 मिमी बारिश होती है, जबकि इस सीजन में 1161.1 मिमी बारिश हुई। वहीं दक्षिणी प्रायद्वीप में 716.2 मिमी के मुकाबले 876.1 मिमी बारिश हुई। यानी कि यहां 22 फीसदी अधिक बारिश हुई। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मॉनसून 2022 के दौरान बारिश का वितरण कितना असमान रहा।
जिन राज्यों में बहुत कम बारिश हुई, उनमें झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आसाम, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब शामिल हैं। झारखंड के 24 में से 16, बिहार के 38 में से 33, उत्तर प्रदेश के 75 से 49, पंजाब के 22 में से 7 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।
दिलचस्प बात यह है कि झारखंड-बिहार को अगर छोड़ दें तो शेष राज्यों में सितंबर के अंतिम सप्ताह में हुई भारी बारिश के कारण आंकड़ों में काफी बदलाव आया। सूखे से जूझ रहे कुछ जिलों में तो एक सप्ताह में इतनी बारिश हुई कि वहां अब बारिश का आंकड़ा सामान्य के स्तर पर पहुंच गया है।
मौसम विभाग के आंकड़े देखें तो पता चलेगा कि 21 सितंबर से 28 सितंबर के बीच उत्तर प्रदेश में सामान्य से 193 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई। जबकि हरियाणा में 916 प्रतिशत, पंजाब में 350 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 207 प्रतिशत, उत्तराखंड में 223 प्रतिशत, राजस्थान में 190 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 83 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
ऐसा नहीं है कि इस सप्ताह लगातार बारिश हुई हो। ज्यादातर बारिश एक या दो दिन हुई है और इसी बारिश के चलते राज्यों में कुल बारिश का आंकड़ा सामान्य के स्तर पर पहुंच गया। 1 जून से 29 सितंबर 2022 तक के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि इससे एक सप्ताह पहले 21 सितंबर तक यहां सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
पंजाब में 21 सितंबर 2022 तक सामान्य से 21 प्रतिशत कम बारिश हुई थी, लेकिन पिछले सप्ताह हुई भारी बारिश के कारण यह आंकड़ा घटकर 6 प्रतिशत रह गया। हालांकि उत्तर प्रदेश में सितंबर के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश के बावजूद बारिश की कमी बनी हुई है। अभी भी 53 जिलों में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
सितंबर के आखिरी सप्ताह में सबसे अधिक बारिश एटा में हुई है। इस जिले में एक सप्ताह में 3148 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। जबकि इसी जिले में जून में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई। जबकि अन्य सप्ताहों के दौरान भी बारिश कम ही हुई, लेकिन आखिरी सप्ताह की बारिश के कारण चार माह की कुल बारिश का आंकड़ा सामान्य से 39 प्रतिशत तक पहुंच गया। सितंबर के आखिरी सप्ताह में कई जिलों में 1,000 प्रतिशत से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।
उधर मौसम विभाग ने कहा है कि मानूसन के बाद भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। अक्टूबर के दौरान पूरे देश में औसत बारिश सामान्य से अधिक (115 प्रतिशत) बारिश हो सकती है। इसके अलावा अक्टूबर से दिसंबर के बीच दीर्घकालिक अवधि के मुकाबले तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश तटीय क्षेत्र, केरल, कर्नाटक में सामान्य से 112 प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है।
केवल उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।