एक अध्ययन के द्वारा शोधकर्ताओं ने इस बात का खुलासा किया है कि एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून ने 1,25,000 साल पहले अंतिम इंटर-ग्लेशियल अवधि के दौरान अफ्रीका से पूर्वी एशिया तक होमो सेपियन्स के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित किया गया है। इंटर-ग्लेशियल वह समय था जब उत्तरी गोलार्द्ध पूरी तरह से बर्फ से ढंका रहता था।
चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) के पृथ्वी पर्यावरण संस्थान के प्रोफेसर एओ होंग की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने आंकड़ों के आधार पर एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून के नए पेलियोएंथ्रोपोलॉजिकल साइट से आंकड़ों को जमाकर कर इन्हें आपस में जोड़ा। पूर्वी एशियाई जल-जलवायु के मॉडलिंग और नए लोगों के आवास से संबंधित सिमुलेशन में पिछले 2,80,000 वर्षों को शामिल किया गया।
हमारे पूर्वजों ने जलवायु में हुए बदलावों का किस तरह मुकाबला किया, यह मनुष्य के विकास पर शोध में एक अहम सवाल बना हुआ है। प्लेइस्टोसिन युग के दौरान जलवायु में बदलाव अफ्रीका के भीतर मानव विकास और उनके अलग-अलग इलाकों में फैलने के लिए जिम्मेदार था।
हालांकि अफ्रीका से पूर्वी एशिया तक हमारी प्रजाति होमो सेपियन्स के शुरुआती फैलाव पर कक्षीय हाइड्रोलाइटिक प्रभाव की हमारी समझ, एशिया से जुडी पुरा-जलवायु और पुरा-मानवशास्त्रीय अध्ययनों की कमी के कारण रुकी हुई है।
पिछले 2,80,000 वर्षों में एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून में बदलाव का पुनर्निर्माण करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में माप के लिए मध्य चीनी लोएस पठार पर तेजी से जमा होने वाले हुआनक्सियन लोएस-पेलियोसोल खंड से क्षेत्र से 2,066 नमूने एकत्र किए।
पुनर्निर्माण से पता चलता है कि एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून में बदलाव सूर्य की गर्मी, बर्फ की मात्रा और ग्रीनहाउस में बदलाव इन सभी के कारण बदलती है, जिसे हम आंतरिक बल कहते हैं। यह तर्क पिछले 2,80,000 वर्षों में पूर्वी एशियाई जल-जलवायु के टीम के मॉडल-आधारित पुनर्निर्माणों द्वारा सामने रखा गया है।
अध्ययनकर्ता ने बताया कि जब हमने समय और स्थान में एशिया से पेलियोएंथ्रोपोलॉजिकल आंकड़ों के साथ प्रॉक्सी और मॉडल-आधारित स्पेटियोटेम्पोरल पेलियोक्लाइमैटिक पुनर्निर्माण को एक साथ जोड़ा, तो हमें आश्चर्य हुआ कि होमो सेपियन्स उसी समय पूर्वी एशिया में फैल गए थे जब एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून तेज हो गया था। यह अफ्रीका से पूर्वी एशिया तक होमों सेपियन्स के शुरुआती फैलाव पर मॉनसून के एक महत्वपूर्ण प्रभाव का सुझाव देता है।
एशियाई ग्रीष्मकालीन मॉनसून के मजबूत होने के विपरीत पिछले इंटरग्लेशियल के दौरान दक्षिण-पूर्व अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में जलवायु खराब हो गई थी। यह संभव है कि इन एशियाई और दक्षिण-पूर्व अफ्रीकी हाइड्रोक्लाइमेट परिवर्तनों ने एक साथ काम करते हुए अफ्रीका से पूर्व की ओर होमो सेपियन्स के शुरुआती फैलाव को आगे बढ़ाया।
इसके विपरीत, उस समय पूर्वी एशिया में हरी-भरी वनस्पतियों ने होमो सेपियन्स यानी लोगों के रहने वाले इलाकों को आकर्षित किया होगा।
होमो सेपियन्स के फैलाव पर जलवायु में बदलाव के पड़ने वाले प्रभावों के और अधिक मात्रात्मक साक्ष्य प्रदान करने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने कंप्यूटर सिमुलेशन किया और पाया कि पूर्वी एशिया पर होमो सेपियन्स का कब्जा, आवास और अंतर महाद्वीपीय इलाकों में इनके रहने में वृद्धि हुई थी।