मानसून की विसंगति: उत्तर और उत्तरपश्चिम में भारी वर्षा, दक्षिण प्रायद्वीप में सूखा

जुलाई, 2023 के पहले दस दिन में उत्तरी क्षेत्र में 8 और 9 जुलाई को भारी वर्षा दर्ज की गई जो न सिर्फ अतिरिक्त बल्कि विसंगतिपूर्ण मानसून को दर्शाता है।
Delhi received excess rainfall on July 8 and 9, 2023. Photo: @AtishiAAP / Twitter
Delhi received excess rainfall on July 8 and 9, 2023. Photo: @AtishiAAP / Twitter
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भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) वर्गीकरण के मुताबिक 10 जुलाई 2023 तक भारत में मानसून 'सामान्य' रहा है लेकिन बड़े क्षेत्र पूर्वी और दक्षिणी प्रायद्वीप के 15 उपविभाग में अब भी वर्षा की कमी रह गयी है।  दरअसल, सप्ताहांत (8 से 9 जुलाई, 2023) की मूसलाधार बारिश के जलते उत्तरी और उत्तरी पश्चिमी राज्यों में अत्यधिक वर्षा हुई है। 

ऊपर दिया गया नक्शा 2023 में बताए गए विषम और बड़े पैमाने पर विसंगतिपूर्ण मानसून वितरण पर प्रकाश डालता है। आईएमडी के अनुसार जून महीने तक भारत में -10 प्रतिशत की कमी के साथ मानसून 'सामान्य' था। आईएमडी के वर्गीकरण के अनुसार -19 प्रतिशत से 19 प्रतिशत अधिक वर्षा को 'सामान्य' वर्षा माना जाता है।

30 जून, 2023 (जैसा कि चित्र में है) पश्चिमी, उत्तर पश्चिमी और उत्तरी भारत में अधिक वर्षा को दर्शाता है जबकि दक्षिणी और पूर्वी भारत में 'कम' वर्षा बनी हुई है। जुलाई, 2023 के पहले दस दिन में उत्तरी क्षेत्र में 8 और 9 जुलाई को भारी वर्षा दर्ज की गई जो न सिर्फ अतिरिक्त बल्कि विसंगतिपूर्ण मानसून को दर्शाता है। जबकि इसी समय अवधि में  दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी भारत अभी भी शुष्क या 'अपूर्ण' बना हुआ है।

सवाल उठता है कि मानसून की यह विसंगति क्यों?

जून 2023 में चक्रवात बिपोरजॉय ने देश के पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों को प्रभावित किया जहां अत्यधिक वर्षा हुई जबकि पूर्वी और दक्षिणी भारत में कमजोर मानसूनी वर्षा हुई और यह क्षेत्र शुष्क रहे। वहीं, जुलाई तक, बंगाल की खाड़ी में चल रही समुद्री हीटवेव ने मानसून अवसाद या कम दबाव वाले क्षेत्र में पर्याप्त नमी पहुंचाई जो उत्तर-मध्य में जाने के बजाय देश के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों की ओर चली गई।

एक दुर्लभ घटना के तहत यह निम्न दबाव प्रणाली जो देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में चली गई उसने पश्चिमी विक्षोभ के साथ संपर्क करके अत्यधिक वर्षा उत्पन्न की, जिसका अनुभव उत्तरी राज्यों में पिछले कुछ दिनों - 8 से 9 जुलाई, 2023 के दौरान किया।

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान है और जो आमतौर पर सर्दियों के दौरान उपमहाद्वीप के उत्तर पश्चिमी हिस्सों में अचानक वर्षा लाता है।

2023 मानसून के दौरान सभी मौसम संबंधी और जलवायु संबंधी घटनाओं का जायजा लेने पर पता चलता है कि देश के शुष्क पश्चिमी क्षेत्रों - गुजरात और राजस्थान - में जून में अत्यधिक बारिश की रिपोर्ट के साथ कई विपथन की खबरें आ रही हैं।

वहीं, बंगाल की खाड़ी में समुद्री लू भी चली। हालांकि बंगाल की खाड़ी में गर्मी की लहर कोई अपवाद नहीं है, आमतौर पर इसका मतलब शुष्क मध्य क्षेत्र और दक्षिणी प्रायद्वीप में अधिक वर्षा भी होता है। जबकि मध्य क्षेत्रों में 2023 में ज्यादातर सामान्य वर्षा दर्ज की गई है और प्रायद्वीपीय दक्षिण शुष्क बना हुआ है।

2023 में मौसम संबंधी घटनाओं की श्रृंखला में आखिरी विसंगति उत्तर-पश्चिम की ओर जाने वाले निम्न दबाव प्रणाली और मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ के बीच होने वाला संपर्क है क्योंकि मानसून के मौसम के दौरान ऐसी बातचीत दुर्लभ है।

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