
मॉनसून के मौसम का पहला महीना, यानी जून की विदाई होने को है, देश के कुछ ही राज्य हैं जहां इस महीने सामान्य से अधिक बारिश हुई है। विभाग के बारिश संबंधी ताजा आंकड़ों को देखें तो पांच राज्य ऐसे हैं जहां बहुत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है, इन राज्यों में झारखंड, केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख, राजस्थान, गुजरात तथा केन्द्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव शामिल हैं।
मौसम विभाग के राज्यवार बारिश का ताजा अपडेट बताता है कि पूरे देश में एक जून से 29 जून, 2025 तक बारिश में लगभग आठ फीसदी तक की कमी देखी जा रही है। जबकि आठ राज्य ऐसे हैं जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, 13 राज्य ऐसे हैं जहां सामान्य बारिश दर्ज की गई दर्ज की गई है। 10 राज्यों में बारिश में कमी देखी गई है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में कितने बरसे बादल?
देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश पर गहनता से नजर डालें तो पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश में एक से 29 जून, 2025 के दौरान सामान्य से 39 फीसदी बारिश कम हुई, इस बीच यहां सामान्य रूप से 439.7 मिमी तक बारिश होती है जबकि 267.3 मिमी ही बारिश हुई। वहीं असम में बारिश में 34 फीसदी की गिरावट रिकॉर्ड की गई, यहां भी सामान्यतः 402.8 मिमी बारिश होती है जबकि यहां, इस दौरान 267.3 मिमी तक ही बरसे बादल।
मेघालय में 46 फीसदी की कमी, नागालैंड में छह फीसदी की गिरावट देखी गई है, मौसम विभाग के द्वारा मेघालय को बारिश में कमी की श्रेणी में जबकि नागालैंड को सामान्य श्रेणी के रूप में रखा गया है। मणिपुर में 16 फीसदी की कमी, मिजोरम में नौ फीसदी और त्रिपुरा में 10 फीसदी की कमी को भी सामान्य के रूप में रखा गया है। सिक्किम में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य को भी बारिश में कमी की श्रेणी में रखा गया है।
इसी दौरान पश्चिम बंगाल में सामान्य से चार फीसदी की, यानी सामान्य से मामूली कमी को भी सामान्य में रखा गया है। वहीं, झारखंड में 81 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि बिहार में सामान्य के मुकाबले बारिश में 34 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
उत्तर पश्चिम भारत में क्या रहा बारिश का हाल?
एक से 29 जून, 2025 के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में कितने बरसे बादल, विभाग के आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश में सामान्य की तुलना में एक फीसदी की कमी, जिसे सामान्य बारिश के रूप में दर्ज किया गया है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सामान्य के मुकाबले 21 फीसदी, यानी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। हरियाणा में 24 फीसदी ज्यादा बरस चुके हैं बादल, जबकि चंडीगढ़ में सामान्य की अपेक्षा नौ फीसदी अधिक बारिश हुई है, जिसे मौसम विभाग ने बारिश के सामान्य श्रेणी में रखा है।
देश की राजधानी दिल्ली में इस अवधि के दौरान बारिश में सामान्य के मुकाबले 40 फीसदी की कमी रेकॉर्ड की गई है, यहां सामान्यतया 60.4 मिमी तक बारिश होती है, जबकि मात्र 36.1 मिमी ही बरसे बादल। वहीं पंजाब में 26 फीसदी बारिश अधिक दर्ज की गई जिसे बारिश के सामान्य से अधिक की श्रेणी में शामिल किया गया है।
वहीं दो और पहाड़ी राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश में सामान्य की अपेक्षा 24 फीसदी अधिक बारिश, वहीं, जम्मू और कश्मीर में पांच फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में 305 फीसदी, यानी सामान्य के मुकाबले बहुत अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि राजस्थान में भी सामान्य से 136 फीसदी अधिक बारिश हुई, यानी बहुत ज्यादा बारिश की श्रेणी में इसे रखा गया है।
मध्य भारत में कितनी हुई वर्षा?
मध्य भारत में बारिश को लेकर मौसम विभाग के एक से 29 जून, 2025 तक के आंकड़े देखें तो ओडिशा में इस दौरान सामान्य से 14 फीसदी अधिक बारिश बारिश दर्ज की गई, यहां सामान्यतया इस बीच 201.4 मिमी तक बारिश होती है, जबकि 229.0 मिमी दर्ज की गई, यानी यहां सामान्य बारिश हुई। वहीं मध्य प्रदेश में 42 फीसदी अधिक बरसे बादल, यानी सामान्य के मुकाबले ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
इस दौरान गुजरात पर बादल मेहरबान रहे यहां सामान्य की अपेक्षा 122 फीसदी, यानी बहुत ज्यादा बारिश बारिश हुई। वहीं, केन्द्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव पर भी पर बादल मेहरबान रहे, यहां सामान्य से 154 फीसदी बारिश बरसे बादल, इसे भी बारिश के सामान्य से बहुत ज्यादा की श्रेणी में रखा गया है।
गोवा में सामान्य से 17 फीसदी कम बारिश हुई, हालांकि मौसम विभाग ने इसे सामान्य की श्रेणी में रखा है। जबकि महाराष्ट्र में सामान्य के मुकाबले सात फीसदी अधिक बारिश हुए जिसे भी सामान्य की श्रेणी में रखा गया है। छत्तीसगढ़ में बारिश में सामान्य से 24 फीसदी की कमी रेकॉर्ड की गई।
क्या भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में मेहरबान रहे बादल?
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में एक से 29 जून, 2025 के दौरान कितने बरसे बादल, केंद्र शासित प्रदेश अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह में इस दौरान सामान्य की अपेक्षा 50 फीसदी अधिक बारिश हुई, यहां सामान्यतया 403.9 मिमी बारिश होती हैं जबकि इस दौरान सामान्य से अधिक यानी 606.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सामान्य के मुकाबले बारिश में 29 फीसदी बारिश कम हुई, यानी यहां सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। तमिलनाडु में सामान्य की अपेक्षा 20 फीसदी अधिक, यानी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। पुडुचेरी में 51 फीसदी, यानी सामान्य अधिक बारिश हुई।
जबकि कर्नाटक में सामान्य की अपेक्षा 10 फीसदी बारिश अधिक हुई, हालांकि मौसम विभाग ने इसे सामान्य की श्रेणी में रखा है। जिस राज्य में हर बार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत होती है, इस बार तो यह समय से पहले दस्तक दे चुका था, यानी केरल में एक फीसदी की कमी के साथ इसे भी सामान्य की श्रेणी में रखा गया है।
लक्षद्वीप में सामान्य के मुकाबले 33 फीसदी बादल कम बरसे हैं, यहां एक से लेकर 29 जून तक सामान्यतः 325.9 मिमी तक बारिश होती है जबकि 217.1 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई, यानी इस राज्य में भी बारिश में कमी दर्ज की गई है।