सितंबर माह में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश के आसार

सितंबर माह में देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने की आशंका जताई गई है
सितंबर माह में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश के आसार
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को 'सितंबर 2023 के लिए मासिक बारिश और तापमान का पूर्वानुमान आउटलुक' जारी किया।

मौसम विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुताबिक, अगस्त 2023, 1901 के बाद से भारत में सबसे शुष्क अगस्त में से एक रहा, जिसमें 33 फीसदी से अधिक बारिश की कमी देखी गई। इससे मॉनसून सीजन में भी भारी कमी की आशंका को लेकर चिंता बढ़ गई है।

मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर 2023 के दौरान पूरे देश में औसत बारिश सामान्य यानी एलपीए का 91-109 फीसदी होने की संभावना है। 1971 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर सितंबर महीने के दौरान देश भर में बारिश का एलपीए लगभग 167.9 मिमी है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान से पता चलता है कि पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों, पूर्वी भारत से सटे, हिमालय की तलहटी और पूर्व-मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है

उपरोक्त हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।

कैसा रहेगा सितंबर महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान?
वहीं सितंबर के महीने में तापमान में उतार चढ़ाव का पूर्वानुमान देखें तो, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों और पश्चिम मध्य भारत के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। वहीं इन हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं।

वहीं सुदूर उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। उत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की आशंका जताई गई है।

मौसम की स्थिति पर अल नीनो का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार, प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में कमजोर अल नीनो की स्थिति बनी हुई है

एमएमसीएफएस के नवीनतम पूर्वानुमान और अन्य वैश्विक मॉडल पूर्वानुमानों से पता चलता है कि अल नीनो की स्थिति और अधिक तीव्र होने और अगले साल की शुरुआत तक जारी रहने की आशंका है।

वहीं, प्रशांत क्षेत्र में ईएनएसओ स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर में समुद्री सतह के तापमान (एसएसटी) जैसे अन्य कारणों का भी भारतीय मॉनसून पर प्रभाव पड़ता है।

वर्तमान में हिंद महासागर में सीमा रेखा सकारात्मक आईओडी की स्थिति चल रही है, नवीनतम एमएमसीएफएस और अन्य वैश्विक मॉडल पूर्वानुमान से पता चलता है कि आगामी महीनों के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां मजबूत होने का अनुमान है।

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