1901 के बाद जून 2024 सबसे गर्म महीना, जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना: मौसम विभाग

किसानों के लिए खुशखबरी, मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई है
मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की 80 प्रतिशत संभावना जताई है।
मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की 80 प्रतिशत संभावना जताई है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने आज, यानी एक जुलाई, 2024 को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस महीने में होने वाली बारिश और तापमान के बारे में बताया। उन्होंने 28 जून को दिल्ली में हुई भयंकर बारिश के पीछे के कारण भी बताए, उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों पर जारी चक्रवाती प्रसार तथा बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज दक्षिण-पश्चिमी हवाएं भी इसके लिए जिम्मेवार थी।

जून में हुए हीटवेव की घटनाओं और बढ़ते तापमान तथा देश के विभिन्न हिस्सों में रात में बढ़ती गर्मी के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड पर 1901 के बाद जून 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना रहा खास कर उत्तर-पश्चिम भारत गर्मी से संबसे अधिक प्रभावित रहा।

मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की 80 प्रतिशत संभावना जताई है। चालू महीने में दिल्ली में बहुत भारी से लेकर अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जो कि लंबी अवधि (एलपीए ) के106 फीसदी तक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

महापात्र ने कहा, "पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और भारत के दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।" मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, जून में मॉनसूनी बारिश की कमी पांच साल के उच्चतम स्तर यानी 11 प्रतिशत रही। भारत के मॉनसून सीजन में जून में कुल 87 सेमी बारिश में से 15 प्रतिशत बारिश हुई। हालांकि केरल और पूर्वोत्तर में मॉनसून 30 मई को जल्दी शुरू हो गया था, लेकिन महाराष्ट्र के बाद इसकी प्रगति रुक ​​गई। इस देरी ने उत्तर-पश्चिम भारत में लू या हीटवेव की घटनाएं तेज कर दी और पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक सूखे की स्थिति बनी रही।

वहीं मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के क्षेत्रों तथा भारत के दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं।

महापात्र ने कहा, "देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण कुल मिलाकर सामान्य से कम बारिश हुई।" मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम में सामान्य और मध्य तथा दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। भारत की कृषि के लिए महत्वपूर्ण मुख्य मॉनसून क्षेत्र, जिसमें 52 फीसदी खेती योग्य भूमि है, में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई गई है।

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