भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के नवीनतम पूर्वानुमान में कहा गया है कि कुल मिलाकर सितंबर की बारिश उड़ीसा, गुजरात और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ राज्यों में मानसून की कमी को भरने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।
मानसून सीजन के चार महीनों में सितंबर आखिरी महीना है। सितंबर के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का मानसून पूर्वानुमान सामान्य से अधिक बारिश का संकेत देता है। 1 सितंबर की सुबह जारी आईएमडी के नवीनतम पूर्वानुमान में कहा गया है, "सितंबर 2021 के दौरान पूरे देश में औसत बारिश सामान्य से अधिक (> लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 110 फीसदी) होने की संभावना है ।"
मानसून सीजन के तीन महीनों के अंत यानी अगस्त के अंत में वर्षा में 10 प्रतिशत की कमी थी।
हालांकि, वर्षा का स्थानिक वितरण व्यापक रूप से विविध रहा है। अगस्त के अंत तक 10 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में मानसूनी वर्षा में 23 से 52 प्रतिशत की कमी थी। इनमें से अधिकांश राज्य देश के उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र थे।
उदाहरण के लिए मणिपुर ने अगस्त के अंत तक -58 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की, जबकि गुजरात में औसत से -50 प्रतिशत कम वर्षा हुई। पूर्वी क्षेत्र में ओडिशा में -29 प्रतिशत कम वर्षा हुई और केरल में औसत से 22 प्रतिशत कम वर्षा हुई।
इस स्थिति को अगर ध्यान में रखें तो भारत के कुल जिलों में 36 प्रतिशत से अधिक में अभी भी वर्षा की कमी है।
वहीं, सितंबर महीने के लिए आईएमडी के पूर्वानुमान में बारिश की कमी झेल रहे इन राज्यों के लिए कोई उम्मीद नहीं दिखाई देती है। आईएमडी के बयान में कहा गया है "उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।"
इसका मतलब है कि गुजरात, केरल और उड़ीसा जैसे राज्य जो पहले से ही वर्षा की कमी झेल रहे हैं यहां आगे भी वर्षा कम होगी। राज्य सरकारों ने व्यापक फसल नुकसान को रोकने और खड़ी फसलों को बचाने के लिए आपातकालीन उपाय करने के लिए पहले ही आकस्मिक योजनाएं बना ली हैं।
आईएमडी के अनुसार सितंबर में औसत से अधिक बारिश इस सीजन को एक और सामान्य मानसून सीजन बना देगी, जो लगातार तीसरी बार होगा।
1961-2010 के आंकड़ों के आधार पर सितंबर के दौरान वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए ) लगभग 170 मिमी है। आईएमडी का कहना है कि सितंबर 2021 के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा की गतिविधि को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि जून और अगस्त के दौरान होने वाली सीजनव वर्षा में मौजूदा 9 फीसदी की कमी को भरने की पूरी संभावना है। वहीं, 1 जून से 30 सितंबर 2021 के दौरान संचित मौसमी वर्षा सामान्य के निचले छोर के आसपास होने की संभावना है।