तो इस सीजन में नहीं पड़ेगी ठंड और ना ही चलेंगी सर्द हवाएं, मौसम विभाग ने जताया अनुमान

देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान के सामान्य से अधिक रहने, शीत लहर वाले दिनों की संख्या के सामान्य से कम, उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों व पूर्व-पूर्वोत्तर में बारिश के सामान्य से कम होने के आसार
दिसंबर महीने के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से, एलपीए के 121 फीसदी से अधिक होने की संभावना है।
दिसंबर महीने के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से, एलपीए के 121 फीसदी से अधिक होने की संभावना है।
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मौसम विभाग ने अपने आउटलुक के हवाले से कहा है कि आगामी सर्दियों के मौसम यानी दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। इस दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान के भी सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है। हालांकि भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकतर इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना जताई गई है।

शीत लहर वाले दिनों की संख्या के सामान्य से कम रहने का अनुमान

दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व हिस्सों के अधिकतर इलाकों में शीत लहर वाले दिनों की संख्या के सामान्य से कम रहने की उम्मीद जताई गई है। दिसंबर के महीने के दौरान भी शीत लहर वाले दिनों की संख्या के सामान्य से कम रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

दिसंबर के महीने में भी सामान्य से अधिक रहेगा तापमान

दिसंबर के महीने में देश के अधिकतर हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। साथ ही देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है, सिवाय मध्य भारत के कुछ हिस्सों के, जहां अधिकतम तापमान के सामान्य कम रहने का अनुमान लगाया गया है।

कहां होगी सामान्य से अधिक व कम बारिश?

भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप, जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक शामिल हैं, यहां बारिश के सामान्य से अधिक यानी लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के 131 फीसदी से अधिक होने की संभावना है।

वहीं दिसंबर महीने के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से, एलपीए के 121 फीसदी से अधिक होने की संभावना है। भारत के प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, पश्चिम-मध्य भारत और पूर्व-मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने का अंदेशा जताया गया है।

प्रशांत और हिंद महासागर में सतह का तापमान (एसएसटी)

पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान औसत से कम बना हुआ है। वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत के इलाकों में तटस्थ एल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति देखी जा रही है।

डीजेएफ 2024 सीजन के आसपास ला नीना की स्थिति के विकसित होने की अधिक संभावना जताई गई है और अगले साल की शुरुआत तक ला नीना की स्थिति की बढ़ने के आसार हैं।

प्रशांत महासागर पर ईएनएसओ की स्थितियों के अलावा अन्य कारण, जैसे कि हिंद महासागर समुद्र सतह तापमान (एसएसटी) भी भारतीय जलवायु पर असर डालते हैं। वर्तमान में हिंद महासागर के अधिकांश हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान (एसएसटी) औसत से अधिक बना हुआ है।

वर्तमान में हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) की स्थितियां देखी जा रही हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि आईओडी संबंधी स्थितियों के अगले कई महीनों तक जारी रहने की संभावना है।

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