फरवरी 2023 में गर्मी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1901 के बाद से लेकर अब तक फरवरी में इतनी गर्मी नहीं पड़ी, जितने इस साल पड़ी है।
मार्च से मई के दौरान सामान्य से अधिक रहेगा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च से मई (एमएएम) के दौरान पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व और मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। वहीं देश के शेष भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने का पूर्वानुमान है।
इस सीजन (एमएएम) के दौरान, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं, वहीं भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में न्यूनतम तापमान के सामान्य से काफी नीचे रहने का अनुमान है।
मार्च 2023 में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है, सिवाय भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप जहां अधिकतम तापमान के सामान्य से काफी नीचे रहने की संभावना है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में मार्च, 2023 के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं, वहीं भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में न्यूनतम तापमान के सामान्य से नीचे रहने का पूर्वानुमान है।
कहां चलेगी लू
मार्च से मई के मौसम के दौरान मध्य और आसपास के उत्तर पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों में लू या हीटवेव चलने की आशंका जताई गई है। मार्च 2023 के दौरान मध्य भारत में लू चलने की संभावना कम है।
देश में कहां कितनी बारिश होगी?
वहीं देश में बारिश की बात करें तो, मार्च 2023 में देश भर में औसत वर्षा सामान्य (एलपीए का 83-117 फीसद) रहने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों, पश्चिम मध्य भारत और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की आशंका जताई गई है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 1971 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर मार्च के दौरान देश भर में वर्षा का एलपीए लगभग 29.9 मिमी है।
बारिश को लेकर पूर्वानुमान बताता है कि उत्तर-पश्चिम और पश्चिम मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं। भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ अलग- अलग इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है।
प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्री सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति
वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बनी हुई है। ला नीना के कमजोर पड़ने और पूर्व-मॉनसून सत्र के दौरान अल नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) के तटस्थ स्थितियों में बदलने की संभावना है। प्रशांत क्षेत्र में ईएनएसओ स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर एसएसटी जैसे अन्य कारक भी भारतीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।
वर्तमान में, तटस्थ आईओडी स्थितियां हिंद महासागर के ऊपर मौजूद हैं और नवीनतम एमएमसीएफएस पूर्वानुमान इस ओर इशारा कर रहा है कि तटस्थ आईओडी स्थितियां पूर्व-मॉनसून सीजन के दौरान जारी रहने का अनुमान है।