मॉनसून के अगले दो महीनों में एक साथ दिख सकते हैं सूखे और बाढ़ के हालात

कुल मिलाकर बारिश का दीर्घकालीन औसत सामान्य रहने का अनुमान है लेकिन बारिश का वितरण असमान रहेगा। एक साथ बन सकती हैं सूखे और बाढ़ की स्थितियां
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, मोहम्मद मुबाशिर
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, मोहम्मद मुबाशिर
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले दो महीने यानी अगस्त और सितंबर की बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वानुमान के अनुसार, इस अवधि में हिमालय से सटे उपखंडों के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्व के कुछ क्षेत्रों में सामान्य अथवा सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है।

वहीं दूसरी तरफ प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों, उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। पूर्वानुमान में कहा गया है कि बारिश का दीर्घकालीन औसत (एलपीए) 94 से 106 प्रतिशत अथवा सामान्य रहने की संभावना है लेकिन बारिश का वितरण असमान रह सकता है। अगस्त में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान है। 

आईएमडी द्वारा जारी मानचित्र से संकेत मिलता है कि अगले दो महीनों बारिश के वितरण में बड़ी असमानताएं देखने को मिल सकती हैं। उदाहरण के लिए अब तक सामान्य से अधिक बारिश दर्ज करने वाले गुजरात और राजस्थान में बारिश सामान्य से कम होगी।

इसी तरह अब तक करीब 50 प्रतिशत कम बारिश दर्ज करने वाले राज्य बिहार व झारखंड में अगले दो महीने में सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं अब तक सामान्य से 34 प्रतिशत कम बारिश से जूझ रहे मिजोरम के लिए अगले दो महीने बारिश से भरपूर हो सकते हैं। इस राज्य में सामान्य से 75 प्रतिशत तक अधिक बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है।

दक्षिण भारत के राज्यों में कम बारिश के आसार

31 जुलाई तक केरल में सामान्य से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अगले दो महीने में इसकी भरपाई होती नहीं दिख रही है। अलबत्ता अगले दो महीनों में भी सामान्य से कम बारिश ही दिखने को मिल सकती है। तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी बारिश की कमी से जूझ सकते हैं। तेलंगाना में अब तक 56 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है जबकि शेष कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु ने अब तक सामान्य बारिश दर्ज की है। अगले दो महीनों में कम बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर पूर्वी और पश्चिमी तेलंगाना में।

अब तक 56 प्रतिशत अधिक बारिश वाले राज्य हरियाणा के ज्यादातर जिलों में सामान्य बारिश होगी जबकि 38 प्रतिशत अधिक बारिश वाले राज्य पंजाब में सामान्य व सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है। आईएमडी के अनुसार, मेघालय में सामान्य अथवा सामान्य से कम बारिश देखने को मिल सकती है जबकि 50 प्रतिशत कम बारिश से वाले मणिपुर में अगले दो महीने सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिल सकती है। कुछ मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक अथवा सामान्य से कम बारिश की संभावना है।

कमजोर अलनीनो

आईएमडी के अनुसार, वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में कमजोर अलनीनो की स्थिति बनी है। जलवायु पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि अलनीनो की स्थिति और अधिक तीव्र होने और अगले साल की शुरुआत तक जारी रहने की संभावना है। गौरतलब है कि अलनीनो की स्थिति सूखे और अत्यधिक बारिश की वजह बनती है। शायद यही वजह है कि मौजूदा समय में भारत में भीषण बारिश और सूखे की स्थितियां एक साथ बन रही हैं।  

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