

चक्रवात ‘मोंथा’ बंगाल की खाड़ी में तेजी से बन रहा है, अगले 24 घंटों में भीषण चक्रवाती तूफान बनने का अंदेशा।
28 अक्टूबर की शाम या रात को यह तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकरा सकता है, तेज हवाएं और मूसलाधार बारिश के आसार।
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात और कर्नाटक में भारी से भयंकर बारिश की चेतावनी, कई स्थानों पर रेड अलर्ट।
सौराष्ट्र, कच्छ, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ का खतरा, प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश।
उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ी, देवताल झील जमने लगी, जबकि मैदानी इलाकों में सर्द हवाएं चलने का पूर्वानुमान।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज सुबह, 27 अक्टूबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव (डीप डिप्रेशन) अगले 24 घंटों में और तेज होकर भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार हैं। इसके कारण दक्षिण और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी से भयंकर बारिश, तेज हवाएं और समुद्र में ऊंची लहरें उठने का अंदेशा जताया गया है।
दक्षिण-पूर्व और इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव जारी है। यह पिछले छह घंटों में लगभग आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, इसके अगले 12 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और 28 अक्टूबर की सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान "मोंथा" “Montha” का रूप लेने का अंदेशा जताया गया है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश तट पर मछलीपट्टनम और कलिंगपटनम के बीच, काकीनाडा के आसपास के तट से टकरा सकती है।
तट से टकराने के समय इस तूफान में हवाओं की रफ्तार के 90 से 100 किमी प्रति घंटे से लेकर 110 किमी प्रति घंटे में तब्दील होने के आसार हैं। तटीय इलाकों में तेज हवाएं, ऊंची समुद्री लहरें और मूसलाधार बारिश के आसार हैं।
बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ अरब सागर में भी एक डिप्रेशन बना हुआ है। यह लगभग सात किमी प्रति घंटे की गति से दक्षिण दिशा की ओर बढ़ रहा है और अगले 24 घंटों में पूर्व-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने की आशंका है। इससे जुड़ा एक ऊपरी हवाओं का चक्रवातीय प्रसार दक्षिण गुजरात से मध्य प्रदेश तक फैला हुआ है, जिससे पश्चिम भारत के कई इलाकों, खासकर गुजरात और राजस्थान में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
कहां-कहां बरसेंगे बादल?
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों में दक्षिण भारत के अधिकतर इलाकों भारी बारिश का दौर जारी रहेगा, जबकि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में भी बारिश हो सकती है।
आज, 27 अक्टूबर, 2025 को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी से बहुत बारिश तथा कुछ हिस्सों में गरज के साथ भीषण बारिश होने का अंदेशा जताया गया है। विभाग ने यहां बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया। इन हिस्सों में 204.5 मिमी से अधिक बरस सकते हैं बादल।
वहीं आज, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात, केरल, ओडिशा, रायलसीमा और तमिलनाडु में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। इन राज्यों में 115.6 से 204.4 मिमी तक पानी बरस सकता है।
जबकि आज, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कोकण और गोवा में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं। यहां विभाग ने बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में 64.5 से 115.5 मिमी तक बादल बरस सकते हैं।
तूफानी गतिविधियों के चलते बारिश के साथ-साथ ही निकोबार द्वीपसमूह, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा कोकण और गोवा के कई इलाकों में 30 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने तथा बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
कहां-कहां है अचानक बाढ़ का खतरा?
भारी बारिश के कारण अगले 24 घंटों में कई जगहों पर अचानक बाढ़ का खतरा जताया गया है। खासकर, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों - अमरेली, भावनगर, जूनागढ़, राजकोट, वडोदरा, सूरत, और भरूच जिलों में अचानक बाढ़ आने का भारी अंदेशा जताया गया है। जबकि, पूर्वी राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम में भी अचानक बाढ़ आने की आशंका है।
वहीं, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, रायलसीमा के चित्तूर व कडप्पा, कर्नाटक के बेंगलुरु तथा तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में भी भारी बारिश से जलभराव व अचनाक बाढ़ के आसार हैं।
सतर्कता और तैयारी
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। तटीय जिलों में राहत दलों की तैनाती की जा रही है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने सलाह दी है कि लोग तेज हवाओं और बिजली गिरने के दौरान घरों के अंदर रहें, आवश्यक वस्तुएं पहले से तैयार रखें और अफवाहों पर ध्यान न देने का भी सुझाव दिया गया है।
यदि पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो यह काकीनाडा तट पर आने वाला चक्रवात इस मौसम का सबसे बड़ा तूफान बन सकता है, जो एक और भारी नुकसान का कारण बन सकता है, लेकिन दूसरी ओर यह कई सूखे क्षेत्रों के लिए बारिश भी लेकर आएगा।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय हो गया है। इसके कारण पहाड़ी इलाकों के मौसम के मिजाज के बदलने के आसार हैं। उत्तराखंड के मौसम की बात करें तो पर्वतीय इलाकों में आंशिक तौर पर बादल छाने का अनुमान है।
मौसम के करवट लेने के बाद पहाड़ी इलाकों में सर्दी बढ़ने के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में भी सुबह-शाम के समय सर्दी बढ़ सकती है। पर्वतीय इलाकों में तापमान में गिरवाट का असर निचले इलाकों में भी दिखाई देने लगा है। वहीं चमोली जिले के माणा गांव के पास भारत-चीन सीमा के पास 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित देवताल झील भारी सर्दी के कारण इसके जमने की खबर है।
देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे एनसीआर में मौसम लगातार शुष्क बना हुआ है। पारे में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 26 अक्टूबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब 1.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग की मानें तो आज दिल्ली में मौसम का मिजाज बदल सकता है। बादल छाए रहने और शाम तक हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।
आज दिल्ली के अधिकतम तापमान के 29 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान के 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है। दिल्ली में बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद हवा की गुणवत्ता अब भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 26 अक्टूबर, 2025 को राजस्थान के बाड़मेर और तमिलनाडु के मदुरै में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के नागौर में न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 26 अक्टूबर, 2025 को कोंकण और गोवा तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकतर इलाकों, ओडिशा, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, विदर्भ, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, मध्य महाराष्ट्र, सौराष्ट्र और कच्छ, तटीय कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई।
वहीं कल, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तेलंगाना और लक्षद्वीप के कई कई इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 26 अक्टूबर, 2025 को पश्चिम मध्य प्रदेश के श्योपुर में 5 सेमी, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के तिरुत्तानी में 5 सेमी, सौराष्ट्र और कच्छ के दीव में 4 सेमी, वेरावल में 2 सेमी, तटीय कर्नाटक के होनावर में 4 सेमी, कारवार में 2 सेमी, कोंकण और गोवा के माथेरान में 4 सेमी, पंजिम में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।
वहीं कल, दहानू और मुंबई प्रत्येक जगह 2 सेमी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लॉन्ग आइलैंड में 4 सेमी, पोर्ट ब्लेयर में 3 सेमी, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के कोलकाता-अलीपुर में 4 सेमी, पूर्वी मध्य प्रदेश के मलाजखंड में 2 सेमी तथा मध्य महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।