लू से 36 लोगों की मौत, आंध्रप्रदेश में हो रही हैं सबसे अधिक मौतें

सबसे अधिक गर्म शहर चुरू में लू से कोई मौत नहीं हुई, क्योंकि आद्रर्ता कम होने के अलावा लोग बचाव का पूरा इंतजाम जाते हैं
लू से 36 लोगों की मौत, आंध्रप्रदेश में हो रही हैं सबसे अधिक मौतें
Published on

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) का कहना है कि लू ने इस साल अब तक 36 लोगों की जान ले ली है। मरने वालों में ज्यादातर आंध्र प्रदेश के हैं। एनडीएमए कंसलटेंट अनूप कुमार श्रीवास्तव ने डाउन टू अर्थ से कहा कि पिछले साल भर में देश में 25 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि अभी राज्यवार आंकड़े आना बाकी है, लेकिन यह तय है कि आंध्रप्रदेश में ही सबसे अधिक मौते हुई हैं।

एनडीएमए अधिकारी ने बताया कि चुरू, जहां का तापमान 50 डिग्री पार कर चुका है, में लू की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है। जबकि पूर्वी राजस्थान में अधिक मौतें हुई हैं।

श्रीवास्तव ने बताया कि केवल तापमान ही नहीं बल्कि आद्रर्ता (ह्यूमिडिटी) का प्रभाव भी दिखता है। यदि आंध्र प्रदेश में 40 डिग्री तापमान है और चुरू में 50 डिग्री, ऐसे में आंध्रप्रदेश का प्रभावित होना यह दर्शाता है। इसलिए कि आंध्रप्रदेश में आद्रर्ता 80-90 फीसदी है, जिससे लोगों को अधिक परेशानी होती है। आंध्रप्रदेश के लोगों को लग रहा है कि जैसे वे 70 डिग्री सेल्सियस तापमान में रह रहे हैं।

एनडीएमए अधिकार ने कहा कि यह बात अधिकतर तटीय राज्य जैसे ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए सही है। चुरू में अभी आद्रर्ता केवल 10 से 15 फीसदी के बीच है, इसलिए लोग बड़े स्तर पर प्रभावित नहीं हुए हैं।

डाउन टू अर्थ ने चुरू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष एफएच गौरी से बात की। दोनों ने पुष्टि की कि लू (हीट वेव) की वजह से चूरू में एक भी मौत नहीं हुई है। गौरी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि चुरू का तापमान इतना अधिक हुआ है, लोगों को इसका अनुभव है। इसलिए वे सरकार द्वारा हीट वेव को लेकर जारी सलाह को हल्के में नहीं लेते हैं।

हम केवल लोगों को सलाह देते है कि खुले और सूती कपड़े पहनें, पानी पिएं, सिर को ढककर चले और अगर जरूरत न हो तो दोपहर में बाहर न निकलें। बस इसी सलाह की वजह से चुरू जैसे जिले में भी हीट वेव की वजह से किसी की जान नहीं जाती। 

लू का असर जुलाई तक रहता है और अब तक इससे 36 मौतें हो चुकी हैं तो आगे का होगा। इसकी वजह क्या है के जवाब में श्रीवास्तव ने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से देश के कई जिलों में लू बढ़ रही है। इसलिए हमें न केवल जागरूकता पर ध्यान देना होगा, बल्कि समय समय पर जारी होने वाली लू की सलाहों व चेतावनी पर भी ध्यान देना होगा।

2017 में लू की वजह से 29 लोगों की मौत हुई थी, जो 2016 के मुकाबले काफी कम थी। 2016 में 1111 लोगों की मौत तापमान बढ़ने हुई थी। श्रीवास्तव ने कहा कि जागरूकता का स्तर बढ़ा कर लू से होने वली मौतों को काफी कम किया जा सकता है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in