राजस्थान में 744 गांवों में सूखा तो 3704 गांवों में अतिवृष्टि

मॉनसून सीजन के दौरान सूखे और अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई
राजस्थान में 744 गांवों में सूखा तो 3704 गांवों में अतिवृष्टि
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बीता मॉनसून सीजन राजस्थान के ग्रामीणों के लिए दुखदायी रहा। बेशक सूखा उनके लिए नई बात नहीं है, लेकिन इस बार अतिवृष्टि ने भी उनके लिए परेशानी खड़ी कर दी।

राज्य सरकार ने राज्य के 12 जिलों की 69 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करते हुए कहा है कि इन तहसीलों के 744 गांवों में खरीफ की फसल सूखे की वजह से 33 प्रतिशत या इससे अधिक खराब हो गई।

इससे पहले सरकार ने कहा था कि बीते मॉनसून सीजन में 7 जिलों के 3704 गांवों में अतिवृष्टि की वजह से फसल खराब हो गई।

राजस्थान से मॉनसून की वापसी 19 दिन देरी से हुई। इस साल 6 अक्टूबर को मॉनसून वापस गया। पिछले पांच सालों में दूसरी बार मॉनसून की वापसी अक्टूबर में हुई। इससे पहले 2020 में 28 सितंबर, 2019 में 9 अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को मॉनसून की वापसी हुई थी।

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मॉनसून सीजन 2021 में पहले तीन महीने राजस्थान में कम बारिश हुई और कई जिलों में सूखे के हालात थे। जून में 53.1 मिलीमीटर (सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक), जुलाई में 130.8 मिमी (सामान्य से 15 प्रतिशत कम) और अगस्त में 126.1 मिमी (सामान्य से 14 प्रतिशत कम) बारिश हुई, लेकिन सितंबर में जब राजस्थान में अमूमन कम बारिश होती है, तब यहां जमकर बारिश हुई। सितंबर में 175.3 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर यहां 63.6 मिमी बारिश होती है। इस महीने राजस्थान में सामान्य से 176 मिमी बारिश हुई।

राजस्थान सरकार की ओर से 29 अक्टूबर 2021 को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मॉनसून के दौरान खरीफ सीजन की जो भी फसल खराब हुई है, राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) मानदंडों के अनुसार प्रभावित किसानों को अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार ने यह आकलन ग्राउंड ट्रूथिंग की रिपोर्ट के आधार पर किया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक बाड़मेर की 16, जोधपुर की 10, जालोर एवं जैसलमेर की 9-9, बीकानेर एवं पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही एवं नागौर की 2-2 तथा हनुमानगढ़ एवं चूरू की एक-एक तहसीलों में फसल खराब की बात कही गई है। इनमें 10 जिलों की 64 तहसीलों को गंभीर श्रेणी सूखाग्रस्त तथा डूंगरपुर की 3 एवं नागौर की 2 तहसीलों को मध्यम श्रेणी सूखाग्रस्त घोषित किया गया है।

मौसम विभाग के 1 जून से 30 सितंबर तक के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि जैसलमेर जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। यहां सीजन में सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। इसके अलावा चुरू में सामान्य से 65 प्रतिशत, नागौर में 39 प्रतिशत, बीकानेर में 23 प्रतिशत, सीकर में 49 प्रतिशत, सवाई माधोपुर 47 प्रतिशत, कोटा में 51 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 35 प्रतिशत, झालावाड़ में 34 प्रतिशत, दौसा में 20 प्रतिशत, बुंदी में 55 प्रतिशत, बारान में 46 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

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