हम एक दिन में बर्बाद करते हैं 45 लीटर पानी

पानी के बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं ऐसे भी लोग हैं जो जाने-अनजाने बड़ी मात्रा में इसकी बर्बादी भी कर देते हैं। क्या आप जानते हैं कि हम प्रतिदिन कितना पानी बर्बाद करते हैं? आइए, आंकड़ों की मदद से इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास करें और प्रण लें कि हम इस बर्बादी को रोकेंगे
हम एक दिन में बर्बाद करते हैं 45 लीटर पानी
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45 लीटर पानी एक भारतीय प्रतिदिन बर्बाद करता है

20-60 लीटर

पानी हम हाथ धोते, ब्रश करते और बर्तन साफ करते वक्त नल खुला छोड़ देने की आदत के कारण बर्बाद कर देते हैं।

25 लीटर

पानी हर बार उस समय बर्बाद हो जाता है जब हम नल खुला छोड़कर ब्रश करते हैं। आमतौर पर एक नल से प्रति मिनट 5 लीटर पानी निकलता है और अगर हम नल खुला छोड़कर 5 मिनट तक ब्रश करते हैं तो 25 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।

15-25 लीटर

पानी हाथ धोते समय नल खुला छोड़ देने से प्रतिदिन बह जाता है। आमतौर पर एक भारतीय रोज 3 से 5 बार हाथ धोता है और हाथ धोने में कम से कम एक मिनट लगाता है।

150 लीटर

पानी 15 मिनट तक शॉवर में नहाने के दौरान बर्बाद हो जाता है। शॉवर में प्रति मिनट 10 लीटर पानी निकलता है। अधिक समय तक शॉवर में नहाने का मतलब है बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी।

60-70 लीटर

पानी प्रतिदिन शौचालय में एक व्यक्ति द्वारा प्लश करने से बह जाता है। एक बार प्लश करने पर कम से कम 10 लीटर पानी की बर्बादी होती है। औसतन एक व्यक्ति दिन में 6 से 7 बार शौचालय का इस्तेमाल करता है।

3.6 लीटर

पानी एक दिन में तब बेकार चला जाता है जब एक व्यक्ति पीने के साफ पानी के लिए आरओ का इस्तेमाल करता है। आरओ के एक लीटर साफ पानी के लिए 3 से 4 लीटर पानी की बर्बादी होती है। एक व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 1.2 लीटर पानी पीता है।

50 लीटर

पानी शेविंग के दौरान नल खुला छोड़ देने से बह जाता है। आमतौर पर एक व्यक्ति शेविंग करने में 10 मिनट का वक्त लगाता है।

120 लीटर

पानी की बर्बादी उस वक्त हो जाती है जब टंकी भरने के बाद भी रोज 15 मिनट तक मोटर चलती रहती है। टंकी से बहकर यह पानी बर्बाद हो जाता है। एक मिनट में टंकी में 8 लीटर पानी जाता है। 15 मिनट टंकी से पानी बहने का मतलब है 120 लीटर पानी की बर्बादी।

20-25 प्रतिशत

पानी शहरों में ट्रांसमिशन और वितरण के दौरान बर्बाद हो जाता है। यह पानी पाइपलाइन के जरिए घरों, दफ्तरों और रेस्तरां तक पहुंचता है। पानी की बर्बादी प्रवाह और पाइप की मोटाई पर निर्भर करती है। पाइप जितना मोटा होगा, लीकेज से पानी की बर्बादी का खतरा उतना अधिक होगा।

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