मध्य प्रदेश में गर्मियों के मौसम में हर साल जल संकट की तस्वीरें आम हैं। बारिश अच्छी हो या खराब हर साल गर्मियों में मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाके पानी की कमी से परेशान होते है। रोज पानी के लिए 3 से 4 किलोमीटर का सफर काफी आम हो जाता है। हर साल तकलीफ झेलने के बाद भी आमतौर पर इस किल्लत से निजात पाने का बस एक ही उपाय है, आसमान की तरफ बारिश के लिए उम्मीद भारी नज़रों से देखना। हालांकि लगातार हो रही परेशानी ने प्रदेश के सैकड़ों गांव एक नई तरह की पहल कर रहे हैं। खंडवा, उमरिया, पन्ना, शिवपुरी जैसे जिलों के कई गांव स्व-प्रेरणा से अपने स्थानीय तालाबों को मानसून से पहले तैयार कर रहे हैं।