आवरण कथा: कभी जहां सूख गए थे जल स्रोत, अब वहां की झील बनी आमदनी का जरिया

कृत्रिम पहाड़ियों, द्वीपों वाला नागथंगल एरी टैंक स्थानीय आकर्षण का केंद्र बन गया है
आसपास के स्कूलों के छात्र नियमित रूप से ब्लू ग्रीन सेंटर आते हैं, जहां वे नागथंगल एरी टैंक के इतिहास और स्थानीय परिदृश्य के बारे में सीखते हैं
आसपास के स्कूलों के छात्र नियमित रूप से ब्लू ग्रीन सेंटर आते हैं, जहां वे नागथंगल एरी टैंक के इतिहास और स्थानीय परिदृश्य के बारे में सीखते हैंफोटो: स्वाति भाटिया / सीएसई
Published on

यह विश्वास करना मुश्किल है कि सिर्फ 2 साल पहले, नागथंगल एरी लघु सिंचाई टैंक लगभग सूख चुका था। इसकी क्षमता का केवल 25 प्रतिशत पानी ही बचा था। आज यह 5,000 से अधिक पेड़ों और झाड़ियों, पैदल मार्ग वाली दो छोटी पहाड़ियों और एक ब्लू ग्रीन सेंटर वाले लोकप्रिय स्थानीय आकर्षण में बदल गया है, जहां आसपास के स्कूलों के छात्र देसी वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानने के लिए आते हैं।

चेन्नई के बाहरी इलाके में शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली पुझल झील के ठीक ऊपर बने इस टैंक का कायाकल्प 2022 में शुरू हुआ। जीर्णोद्धार के कामों को पूरा करने के लिए ऊर कुडी ऊरानी कप्पोम अभियान के तहत पोथुर पंचायत और टाटा कम्युनिकेशंस के बीच एक साझेदारी की गई।

प्रमुख प्रभाव
ग्राम प्रशासन के लिए यह झील परिसर आय का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है और अब वो इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में प्रचारित करने की योजना बना रहे हैं

टीम ने स्थानीय प्रजातियों को शामिल करते हुए इस क्षेत्र में स्थानीय जीवों और वनस्पतियों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण किया। जीर्णोद्धार में झील के 1.6-हेक्टेयर क्षेत्र से 1.5 मीटर की गहराई तक गाद निकालने का काम शामिल था। पूरी परियोजना की लागत 514 लाख रुपए थी। इसकी खुदाई से कुल 8,575 टन मिट्टी निकाली गई।

जीर्णोद्धार के बाद टैंक को जिला और ग्राम प्रशासन को सौंप दिया गया। इसकी स्थिरता और फिलवक्त हो रहे सामुदायिक लाभ को सुनिश्चित करते हुए, राजस्व उत्पन्न करने के लिए नागथंगल एरी को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in