पानी के प्रबंधन के मामले में लगभग सभी बड़े राज्य पिछड़े साबित हुए हैं। शुक्रवार को नीति आयोग द्वारा जारी जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई 2.0) जारी किया है। इसमें बताया गया है कि जल प्रबंधन के मामले में गुजरात सबसे अव्वल है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा है।
सीडब्ल्यूएमआई 2.0 ने आधार वर्ष 2016-17 के सामने संदर्भ वर्ष 2017-18 के लिए विभिन्न राज्यों को स्थान प्रदान किया है। आज जारी रिपोर्ट में गुजरात ने संदर्भ वर्ष (2017-18) में अपना पहला स्थान रखा है, इसके बाद आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में हिमाचल प्रदेश 2017-18 में पहले स्थान पर रहा। इसके बाद उत्तराखंड, त्रिपुरा और असम का स्थान है। संघ शासित प्रदेशों ने पहली बार अपने आंकड़े दिये है। जिनमें पुडुचेरी शीर्ष स्थान पर रहा।
सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के मामले में हरियाणा सामान्य राज्यों में पहले स्थान पर और उत्तराखंड पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर रहा है। औसतन 80 प्रतिशत राज्यों ने पिछले तीन वर्षों में सूचकांक पर आकलन किया और अपने जल प्रबंधन स्कोर में सुधार किया, जिसमें औसत सुधार +5.2 प्वाइंट रहा। रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के संदर्भ वर्ष 2017-18 के लिए सम्पूर्ण रैंकिंग और आधार वर्ष 2016-17 की रैंकिंग में परिवर्तन चार्ट-1 और चार्ट-2 में दिया गया है।
खराब प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा, दिल्ली, राजस्थान, नागालैंड, मेघालय शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन राज्यों में देश की लगभग 48 फीसदी आबादी रहती है और कुल अनाज उत्पादन का 40 फीसदी हिस्सा यहीं पैदा होता है। साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था में इन राज्यों की हिस्सेदारी 35 फीसदी है।