दुनिया भर के आधे से ज्यादा लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पीने का साफ पानी न मिलने के कारण उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में शामिल लोगों से यह जानने की कोशिश की गई कि वे अपने पीने के पानी कितना साफ व सुरक्षित मानते हैं।
अध्ययन की अगुवाई नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और चैपल हिल में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने की। रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब लोग अपने नल के पानी पर भरोसा नहीं करते हैं, तो वे बोतलबंद पानी खरीदते हैं, जो बहुत महंगा होता है और पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। लोग सोडा या अन्य चीनी वाले मीठे पेय पदार्थ पीते हैं, जो दांतों और शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
यह सर्वेक्षण रिपोर्ट साल 2019 में लॉयड्स रजिस्टर फाउंडेशन वर्ल्ड रिस्क पोल से 141 देशों के 1,48,585 वयस्कों के आंकड़ों का उपयोग करके तैयार की गई है। अधयनकर्ताओं ने पानी की आपूर्ति और इसके नुकसान संबंधी संदेह ज्यादा फैले हुए पाए गए, जो जाम्बिया में सबसे अधिक, सिंगापुर में सबसे कम और जिनका कुल औसत 52.3 फीसदी तक था।
शोधकर्ताओं ने उन लोगों की भी पहचान की, जिन्होंने सोचा था कि उन्हें अपने पीने के पानी से नुकसान होगा। महिलाओं, शहरवासियों, अधिक पढ़े-लिखे लोगों और अपनी वर्तमान आय से संघर्ष करने वाले लोगों में अपने पीने के पानी से नुकसान होने की आशंका अधिक पाई गई।
शोधकर्ताओं ने पाया कि भ्रष्टाचार के कारण पीने के पानी से होने वाले नुकसान के पूर्वानुमान सबसे सटीक थे, जो बुनियादी ढांचे और सकल घरेलू उत्पाद जैसे कारणों से भी अधिक था।
इसके अलावा बुनियादी पेयजल सेवाओं तक निरंतर पहुंच वाले देशों में भी, पानी की सुरक्षा के बारे में भारी संदेह था। इसमें अमेरिका भी शामिल है, जहां सर्वेक्षण में शामिल 39 फीसदी लोगों ने छोटी अवधि में पेयजल से गंभीर नुकसान की आशंका जताई थी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि उपभोक्ताओं के लिए अपने पानी की आपूर्ति के खतरों और सुरक्षा का आकलन करना कठिन है क्योंकि कई प्रदूषक अदृश्य, गंधहीन और स्वादहीन होते हैं। जरूरी जानकारी के बिना, कई लोगों को अपने पानी की सुरक्षा का मूल्यांकन पिछले अनुभवों, मीडिया रिपोर्टों और व्यक्तिगत और विश्वास के आधार पर करना पड़ता है।
शोध में सुझाव दिया गया है कि पानी के परीक्षण को अधिक से अधिक आसान बनाना होगा। परीक्षण के परिणामों को आसान भाषा में समझाना होगा। साथ ही, पुराने पाइपों को बदलना और दूषित पदार्थों का पता चलने पर घर पर पानी के फिल्टर उपलब्ध कराना, साथ ही सुरक्षित पीने के पानी तक बेहतर पहुंच प्रदान करनी होगी।