आज ही के दिन गंगा के लिए जान दी थी जीडी अग्रवाल ने, उनका आखिरी साक्षात्कार पढ़ें

प्रो जीडी अग्रवाल की मौत से ठीक एक माह पहले 11 सितंबर को डाउन टू अर्थ ने उनसे लंबी बातचीत की थी। आइए, जानते हैँ कि आखिर यह गंगा पुत्र क्यों गंगा के लिए अपनी जान देने पर तुला था?
प्रो जीडी अग्रवाल। फाइल फोटाे: मीता अहलावत
प्रो जीडी अग्रवाल। फाइल फोटाे: मीता अहलावत
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प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद की मौत 11 अक्टूबर 2018 को हुई थी। उन्होंने गंगा के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे। आईआईटी के प्रोफेसर रह चुके अग्रवाल लंबे समय से गंगा की अविरलता के लिए आंदोलनरत थे और कई बार अनशन कर चुके थे। हर बार सरकारें उन्हें आश्वासन देकर मना लेती। लेकिन पिछले साल वे नहीं माने।

22 जून 2018 से अनशन पर बैठे अग्रवाल को जब लगा कि न तो केंद्र सरकार और न राज्य सरकार को गंगा की चिंता है तो उन्होंने 10 अक्टूबर 2018 को जल भी त्याग दिया। सरकार ने भी उनकी मांग मानने की बजाय जबरन उन्हें एम्स, ऋषिकेश में भर्ती करा दिया। जहां उनकी मौत हो गई। गंगा के प्रति उनका लगाव देखने के लायक था।

उनकी मौत से ठीक एक माह पहले 11 सितंबर को डाउन टू अर्थ ने उनसे लंबी बातचीत की थी। आइए, जानते हैँ कि आखिर यह गंगा पुत्र क्यों गंगा के लिए अपनी जान देने पर तुला था? 

उनका इंटरव्यू पढ़नें और देखने के लिए क्लिक करें -  “गंगा नदी को नई गंगा बनते नहीं देख सकता”

यहां देखें वीडियो  - डाउन टू अर्थ से अंतिम भेंट

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