देश में भूजल पर किसानों की निर्भरता
किसानों की भूजल पर निर्भरता को लेकर आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी), जल शक्ति मंत्रालय और राज्य भूजल विभाग संयुक्त रूप से 2022 से देश के गतिशील भूजल संसाधनों का आकलन कर रहे हैं।
साल 2023 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 449 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) और वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल संसाधन 407 बीसीएम है। वर्ष 2023 के लिए पूरे देश का कुल वार्षिक भूजल निष्कर्षण लगगभ 241 बीसीएम था। कृषि क्षेत्र भूजल संसाधनों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो कुल वार्षिक भूजल निकाले जाने का 87 फीसदी हिस्सा है, जो 209.74 बीसीएम है।
झारखंड में वर्षा जल पर कृषि निर्भरता
वहीं सदन में आज एक अन्य सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आर्थिक सांख्यिकी एवं मूल्यांकन प्रभाग द्वारा जारी भूमि उपयोग सांख्यिकी का हवाला दिया। जिसके मुताबिक, देश भर में बोए गए 141.01 मिलियन हेक्टेयर कुल क्षेत्र में से लगभग 63.09 मिलियन हेक्टेयर असिंचित या वर्षा पर निर्भर है, जो 44.7 प्रतिशत है, जबकि झारखंड के मामले में, बोए गए 1.38 मिलियन हेक्टेयर कुल क्षेत्र में से 1.10 मिलियन हेक्टेयर असिंचित या बारिश पर निर्भर है, जो 79.7 प्रतिशत है।
जीका वायरस के मामले
मॉनसून सत्र जारी है, आज सदन में जीका वायरस को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया कि सरकार को इस बात की जानकारी है कि जीका वायरस देश के कुछ हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। पटेल ने कहा कि जीका वायरस का भारत में पहली बार 2017 में पता चला था, जब गुजरात से इसके मामले सामने आए थे। तब से, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इसके छिटपुट मामले सामने आए हैं।
केरल में अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस के मामले
वहीं, सदन में पूछे गए के अन्य प्रश्न के उत्तर में, अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एक्यूट इंसेफेलाइटिस और सेरेब्रो स्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) की पांच बच्चों में जांच की गई, परीक्षण के परिणामों में मोटिला अमीबा का पता चला है। पांच में से तीन मामलों में वर्मामोइबा वर्मीफॉर्मिस की माइक्रोबायोलॉजिकल से संबंधित हैं और एक मामले की पुष्टि पीसीआर परीक्षण पर नेग्लेरिया फाउलेरी के रूप में हुई है।
दुर्लभ बीमारियों के लिए दवाइयां
दुर्लभ बीमारियों से संबंधी दवाइयों को लेकर आज, सदन में उठे एक और सवाल के जवाब में अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा, डचेम मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा आदि सहित कई दुर्लभ बीमारियों के उपचार के लिए दवाइयां काफी महंगी हैं। इन दवाओं की कीमत कुछ लाख से लेकर 16 करोड़ रुपये तक होती है।
पटेल ने कहा, देश को फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए, फार्मास्यूटिकल्स विभाग, फार्मास्यूटिकल्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को लागू कर रहा है, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय 15,000 करोड़ रुपये है और योजना की अवधि वित्त वर्ष 2027-28 तक है।
हिमकेयर स्वास्थ्य योजना
आज, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में हिमाचल प्रदेश सरकार से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि, मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) को राज्य सरकार द्वारा 2019 में उन लाभार्थियों के लिए शुरू किया गया था जो आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत राज्य सरकार चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के तहत कवर नहीं हैं।
पटेल ने बताया कि 15.07.2024 तक, उक्त योजना के तहत कुल 8.60 लाख मरीज लाभान्वित हुए हैं। पटेल ने कहा कि इस योजना को बंद नहीं किया गया है।
कर्नाटक में डेंगू के मामले
संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2024 में 30 जून तक कर्नाटक में डेंगू के कुल 5976 मामले सामने आए, जबकि 2023 की इसी अवधि में डेंगू के 2260 मामले सामने आए थे।
फेम योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को सब्सिडी
फेम योजना को लेकर आज संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में कहा कि फेम-इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। उपभोक्ताओं (खरीदारों/अंतिम उपयोगकर्ताओं) को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में प्रोत्साहन या रियायत दी जाती है, ताकि व्यापक रूप से इसे अपनाया जा सके, जिसकी प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा ओईएम (ईवी निर्माताओं) को की जाती है।
रेलवे के परिचालन के लिए पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का निर्माण
आज संसद में उठे एक सवाल के जवाब में, रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय रेलवे में वैकल्पिक ईंधन की खोज के लिए भारतीय रेलवे संगठन (आईआरओएएफ) का गठन किया गया था। इसके तहत मिश्रित बायो-डीजल के उपयोग को बढ़ावा दिया है और ट्रैक्शन उद्देश्य के लिए डीजल के आंशिक प्रतिस्थापन के लिए सीएनजी और एलएनजी का उपयोग किया जा रहा है।
ट्रैक्शन उद्देश्य के लिए डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक पर हाइड्रोजन ईंधन सेल के रेट्रो-फिटमेंट के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है। डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक की 26 डीजल पावर कारों (डीपीसी ) को सीएनजी आधारित प्रणाली के साथ बदला गया है।