भुबन बताते हैं, ‘पहले मेरे खेत मानसून की दया पर निर्भर थे’। हालांकि साल के दिसंबर तक इस तालाब में पानी कम होना शुरू हो जाता था, जिससे रबी के सीजन में सिंचाई में मुश्किल होती थी। भुबन ने इसका भी हल ढूंढ लिया, उन्हें पता था कि केवल डेढ़ मीटर गहरे तालाब में जमा पानी ने नीचे के आसपास की जमीन को भी सींच दिया है। इसीलिए उन्होंने तालाब के करीब, अपने खेत के पास दो कुएं खोद लिए। वह कहते हैं कि अब रबी के सीजन में भी कुओं की बदौलत मेरे खेतों की सिंचाई हो जाती है। भुबन सर्दियों के दौरान सब्जियों के अलावा दालें भी उगाते हैं। वह टमाटर, बैंगन, भिंडी, प्याज, हरी धनिया और गन्ना बेचकर करीब तीस हजार रुपये से ज्यादा कमा लेते हैं।