दिल्ली में लगातार गिरने भूजल की स्थिति में सुधार के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने आज 24 दिसंबर को अहम फैसले लिए। जल बोर्ड ने पूरी दिल्ली में 159 झीलों के पुनरोद्धार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही निलोठी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और रोहिणी एसटीपी में दो बड़ी झीलों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी।
रोहिणी की झील 32 एकड़ में फैली होगी और इस पर 53.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं निलोठी झील 25 एकड़ में होगी और इस पर 23.5 करोड़ खर्च किए जाएंगे। झीलों के पुनरोद्धार के लिए 376 करोड़ जबकि नई झीलों के निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है।
इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारका और नजफगढ़ में झीलों को स्वीकृति प्रदान कर चुकी है जबकि तिमारपुर में इसकी स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद है। इसके स्वीकृति मिलने के बाद दिल्ली में ऐसी पांच झीलें हो जाएंगी। ये झीलें 350 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में होंगी और इनमें 1,581 मिलियन लीटर पानी का भंडारण किया जाएगा।
दिल्ली सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, झीलों का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से होगा ताकि अधिक से अधिक भूजल रिचार्ज किया जा सके। झीलों में पानी का स्तर बनाए रखने के लिए वर्षा जल के अलावा एसटीपी से शोधित जल भी इनमें भरा जाएगा। इससे जहां भूजल रिचार्ज में मदद मिलेगी, वहीं जरूरत पड़ने पर इससे जलापूर्ति भी सुनिश्चित होगी।
इन झीलों के पुनरोद्धार और निर्माण के अलावा दिल्ली में 29 झीलें सिंचाई और बाढ़ विभाग द्वारा पुनर्जीवित की जा रही हैं। दिल्ली सरकार के अनुसार, इन झीलों के आसपास हरे मैदान, सार्वजनिक स्थल और खुले स्थान सृजित किए जाएंगे। नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और वाप्कोस इस परियोजना में सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। बता दें कि कुछ समय पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पूरी दिल्ली में 200 झीलों को पुनर्जीवित किया जाएगा। ताजा फैसले इसी कड़ी में लिए गए हैं।