देशज भाषा में विज्ञान संवाद

इमेजिन प्रोजेक्ट ऐसी पहल है जिसका लक्ष्य वैज्ञानिक जानकारी प्रयोगशाला से बाहर ले जाना व ग्रामीण व मूल निवासियों से साथ साझा करना है।
तारिक अजीज
तारिक अजीज
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इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अंग्रेजी दुनिया की प्रमुख भाषा है। यह करीब 37 करोड़ लोगों की मातृभाषा है। फ्रेंच, स्पेनिश और पुर्तगाली की तरह वैज्ञानिक अकादमिक पत्रिकाओं, किताबों के अध्याय में अंग्रेजी ही आमतौर पर इस्तेमाल की जाती है। लेकिन उन अरबों लोगों का क्या जो बहुत कम या न के बराबर अंग्रेजी बोलते हैं। कैसे हम वैज्ञानिक सूचनाओं और जानकारी हासिल करने की उनकी पहुंच में सुधार कर सकते हैं?  

शहरी क्षेत्रों से दूरी समेत इस समस्या के निदान के लिए हम और हमारे साथियों ने ब्राजील के फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ केटेरीना में इमेजिन प्रोजेक्ट बनाया है। यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले और सजातीय व अल्पसंख्यक भाषा से ताल्लुक रखने वाले सूचनाओं को हासिल करने के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं। इस तरह की पृष्ठभूमि में रहने वाले बच्चों के पास शहरी क्षेत्र में रहने वाले बच्चों के मुकाबले 4 गुणा कम स्कूल जाने के मौके होते हैं। इन समूहों को विज्ञान को सीखने और सुनने का अवसर देना, उन्हें नागरिक के तौर पर शामिल करने का अनिवार्य तरीका है।

इमेजिन प्रोजेक्ट एक ऐसी पहल है जिसका लक्ष्य वैज्ञानिक जानकारी को प्रयोगशाला से बाहर ले जाना और उसे ग्रामीण व देसज समुदायों के साथ साझा करना है। अपने काम से जुड़ी प्रतियोगिता के रूप में हमने हाल ही में चार विजेता वैज्ञानिक वीडियो का अनुवाद किया। ये वीडियो विभिन्न विषयों जैसे खगोल शास्त्र और औषध विज्ञान से संबंधित थे जिनका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया। वीडियो में इन भाषाओं के उप शीर्षक दिए गए थे। इन भाषाओं में सोंगा (मोजाम्बीक), दक्षिण अफ्रीका, स्वाजीलैंड और जिम्बाव्बे में जिसे चंगाना के नाम से जाना जाता है और गुआरानी शामिल है। गुआरानी ब्राजील पैरागुए, बोलिविया और अर्जेंटीना की देशज भाषा है। अगर वैज्ञानिकों को उस जानकारी का संवाद करना है जो उन्होंने सृजित की तो यह और इस तरह के प्रयास अहम हैं। कई बार तरह के समुदायों के साथ वे अध्ययन करते हैं।

जानकारी और संवाद का संयोजन अन्य मूलभूत स्थितियों जैसे स्वतंत्रता और सम्मान के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी विकास को द्योतक है। इसलिए जरूरी है कि जो ज्ञान का सृजन करते हैं उनकी जिम्मेदारी बनती है वे अपने निष्कर्षों को सामान्य लोगों के साथ साझा करें।

विज्ञान का विस्तार

खुला संवाद वैज्ञानिक विकास की मूलभूत स्थिति मानी जाती है। इंटरनेट के आगमन ने इसका विस्तार करके खुले संवाद को और संभव बना दिया है। एक वैज्ञानिक ऑनलाइन पत्रिकाओं में लेख लिख सकता है या वीडियो रिकॉर्ड कर उसे यूट्यूब पर अपलोड कर सकता है। लेकिन उन वैज्ञानिकों का क्या जो अंग्रेजी नहीं बोल पाते। साथ ही उन लोगों का क्या जिनकी साझा की गई जानकारी में दिलचस्पी तो है लेकिन वे अंग्रेजी नहीं बोल सकते?  
तथाकथित कठिन विज्ञान का यह सामान्य नियम है कि उसे बहुत पढ़ा जाता है और व्यापक असर डालने वाली वैज्ञानिक पत्रिकाएं अंग्रेजी में हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जाने वाले अध्ययन के लिए भी अंग्रेजी जरूरी है। विज्ञान का नियमित तरीके से संवाद और उसे लोकप्रिय नहीं किया जाता क्योंकि भाषा की अड़चन आड़े आती है। 2013 में जब हमने इमेजिन प्रोजेक्ट शुरू किया तब हमें इसका आभास था। शुरूआत में प्रोजेक्ट के तहत व्यवहारिक वैज्ञानिक गतिविधियों की श्रृंखलाओं पर ध्यान दिया गया और इन्हें ग्रामीण समुदायों के बीच संचालित किया गया। इस काम में कार्यरत वैज्ञानिक, हाई स्कूल के छात्र और शिक्षक शामिल थे।

इसके बाद हमारी टीम ने पुर्तगाली में खुले शैक्षणिक संसाधनों का सृजन किया और अंग्रेजी, फ्रेंच और स्पेनिश में उसका अनुवाद करके ऑनलाइन प्रकाशित किया गया। हमारी टीम लगातार नई सामग्री का सृजन करती रही। इनमें पीडीएफ प्रोटोकोल और डॉक्युमेंटरी वीडियोज थे जो हमारा व्यवहारिक अनुभव साझा कर रहे थे।

2017 में हमने अपने अरमानों का विस्तार किया और इमेजिन पैनजिया स्थापित किया। यह एक बहुभाषी विज्ञान लोकप्रियता प्रतियोगिता है। विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम कर रहे तीन महत्वपूर्ण संगठनों ने इसमें सहयोग किया। इनमें पैन अफ्रीकन गोंग के अलावा लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में काम करने वाला रेडपोप और एसबीपीसी भी शामिल था। एसबीपीसी उन्नत विज्ञान पर काम करने वाली ब्राजीलियाई सोसायटी है।

दुनिया के कई हिस्सों में इस तरह की प्रतियोगिताएं हो रही हैं जिनमें भाग लेने वालों को अंग्रेजी या फ्रेंच में काम करना पड़ता है। अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी स्नातक छात्रों के लिए हमने तमाम प्रकार की वैज्ञानिक धाराओं में वीडियो प्रतियोगिता आयोजित की है। इसमें उनसे कहा गया है कि उनका शोध तीन मिनट के वीडियो में अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली या स्पेनिश में प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में 55 लोगों ने भाग लिया।

तीन ओवरऑल विजेताओं और हर महाद्वीप की सर्वक्षेष्ठ वीडियो को कई भाषाओं में अनुवाद किया गया। इसके बाद वीडियो  को उन संगठनों ने व्यापक प्रचार प्रसार किया जिन्होंने प्रतियोगिता को सहयोग किया था।

मुश्किल अनुवाद

इस पहल में अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों और लोगों ने अपना योगदान दिया। इससे जुड़े लोगों ने ही तय किया कि वीडियो का किस भाषा में अनुवाद किया जाए। हमने उन्हें अपना अनुवादक बना लिया। हालांकि उन लोगों के लिए अनुवाद आसान काम नहीं था।

बहुत से वैज्ञानिकों ने उस शब्दावली का इस्तेमाल किया था जिसका अनुवाद उनकी मूलभाषा में उपलब्ध ही नहीं था। इस स्थिति में हमने फ्रेंच, अंग्रेजी, पुर्तगाली और स्पेनिश भाषा के शब्दों का प्रयोग किया। उदाहरण के लिए पुर्तगाली शब्द गुआरानी उपशीर्षकों में रखे गए। अन्य अनुवाद का काम चल रहा है। ये अनुवाद नाइजीरिया की योरूबा, अंगोला की उमबूंदो और किमबूंदो में हो रहे हैं। पूरी प्रतियोगिता स्वयंसेवी काम पर आधारित थी। हमारे पास धन नहीं था। हमें उम्मीद है कि अगले संस्करण के लिए हमें आर्थिक सहायता मिल जाएगी ताकि विजेताओं को पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक बैठकों के लिए यात्रा भत्ता उपलब्ध कराया जा सके।

हम कोशिश कर रहे हैं कि हमें एंडियन भाषा क्यूचुआ, नॉर्थ अमेरिका की बेरबेर, चीनी और अन्य मूल भाषाओं में ज्यादा से ज्यादा नए अनुवादक मिल सकें। ऐसा हो इसके लिए हमें अधिक स्वयंसेवी अनुवादकों की जरूरत है। विज्ञान संवाद के बारे में विचार करने का यह एक नया रास्ता है। जिस तरह के लोगों तक हम पहुंच रहे हैं उनकी संख्या मायने नहीं रखती लेकिन यह कामयाब है। जब इमेजिन परियोजना शुरू की गई थी, तब हमें बोला गया था कि मूल ब्राजीली लोग जेनेटिक्स और मोलेक्यूलर बायोलाजी जैसे मौलिक विज्ञान में रूचि नहीं दिखाएंगे। लेकिन आलोचक गलत साबित हुए हैं।

जिन गुआरानी लोगों के साथ हमने काम किया है उन्होंने दिलचस्पी दिखाई है, वे डीएनए के साथ प्रयोग कर रहे हैं और टीम को बता रहे हैं कि वे और सीखना चाहते हैं। इमेजिन प्रोजेक्ट के समानांतर हमारे विश्वविद्यालय ने मूल निवासी लोगों को आकर्षित करने के लिए अंडरग्रैजुएट डिग्री कोर्स शुरू किया है। इसके अलावा सभी डिग्रियों में कुछ स्थान ब्राजील के मूल निवासियों के लिए आरक्षित है। हमारा दीर्घकालीन लक्ष्य यह है कि अधिक से अधिक मूल निवासी और ग्रामीण लोग वास्तविक वैज्ञानिक बन पाएं। ब्राजील में ऐसा हो भी रहा है। हमारे एक सहयोगी जोना मोंगेला देश के दक्षिण से पहले गुआरानी साइंस मास्टर ग्रेजुएट हैं।  

(आंद्रे रोमोस फेडेरल यूनिवर्सिटी ऑफ सैंटा कैटेरीना में प्रोफेसर और मरीना एंपीनोट्टी यूनिवर्सिटी ऑफ बीरा इंटीरियर में कम्यूनिकेशन स्टडीज में पीएचडी कर रही हैं। यह लेख द कन्वरसेशन से साथ विशेष समझौते के तहत प्रकाशित किया गया है)

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