क्या कोरोनाकाल के दौरान कुंभ की जुटान को नियंत्रित कर पाएगा आर्टिफिशियल इंटलीजेंस?

कोरोनाकाल में कुंभ मेले में 11 मार्च, 2021 को 37 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया है। अप्रैल महीने में 3 शाही स्नान तय है और यह संख्या एक ही दिन में करोड़ तक पहुंच सकती है।
क्या कोरोनाकाल के दौरान कुंभ की जुटान को नियंत्रित कर पाएगा आर्टिफिशियल इंटलीजेंस?
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हर 12 वर्षों पर पड़ने वाला कुंभ इस बार बेहद विशेष है। यह पहली बार होगा जब किसी महामारी के दौरान कुंभ स्नान आयोजित हो रहा है। इस स्नान में बिना किसी निमंत्रण के दुनिया की सबसे बड़ी जुटान होती है। इस बार 1.5 करोड़ तक लोगों के जुटने का कयास है। क्या कोरोना संक्रमण जैसी असमान्य स्थितियों में भी यह संभव होगा। यदि यह जुटान हुई तो कोरोना संक्रमण से बचाव किस तरह किया जा सकेगा ?

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण से प्रसार को रोकने के लिए 22 जनवरी, 2021 को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसमें खास पहलू है आर्टिफिशियल इंटलीजेंस।  

कुंभ मेला के पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल ने हाल ही में मीडिया को संबोधित कर कहा कि कुंभ स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की बड़ी जुटान को कोरोना नियमों के तहत नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटलिजेंस (एआई) का सहारा लिया जाएगा।

सरकार की डिजिटल इंडिया की वेबसाइट पर आईजी संजय गुंज्याल के हवाले से लिखा गया है कि किसी भी वक्त हरिद्वार के 107 घाटों पर 1.09 लाख लोगों से ज्यादा की संख्या होने पर सिस्टम हमें खुद अलर्ट कर देगा। साथ ही तय सीमा से अधिक संख्या होने पर भी हमें अलर्ट मिल जाएगा। 

11 मार्च, 2021 को महाशिवरात्रि के दौरान 37 लाख लोगों ने कुंभ स्नान किया है। क्या आर्टिफिशियल इंटलीजेंस ने काम किया? और क्या अब अप्रैल महीने में 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को शाही स्नान होना है जब  इसमें सबसे ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे। ऐसे में क्या तब भी एआई मदगगार होगा। 

 डाउन टू अर्थ ने कुंभ मेले में लगाए गए वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की कोशिश की। कंट्रोल रूम के इंचार्ज ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एसओपी के तहत सभी श्रद्धालुओं को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाने के लाने के लिए कहा गया है। हालांकि अभी इस दिशा में कोई सख्ती नहीं की जा रही है। जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं उन्हें बिना रिपोर्ट ही प्रवेश की इजाजत है। हमें उच्च अधिकारियों की तरफ से कोई निर्देश अभी नहीं आया है। शायद भीड़ बढ़ने पर यह कदम भी उठाया जाए। 

उत्तराखंड सरकार ने दो बार एआई युक्त कैमरों और एमएसआई सिस्टम के लिए ठेके जारी किए। दूसरा बिड 7 फरवरी, 2021 को समाप्त हुआ। डाउन टू अर्थ से बातचीत में एआई कंट्रोल रूम के इंचार्ज ने जानकारी दी कि एआई फीचर्स वाले कुल 300 सीसीटीवी कैमरे लगने थे। हालांकि, इनमें 100 कैमरे अभी प्रमुख स्थानों पर लग पाए हैं। इन कैमरों में एआई के सिर्फ दो फीचर अभी तक काम कर रहे हैं। कुंभ मेले में एआई युक्त कैमरे लगाने वाली कंपनी दिल्ली की है, जिसका नाम इनोवेशन है। अगले पांच से छह दिन में संभवतः सभी कैमरें स्थापित हो जाएंगे।

कंट्रोल रूम के इंचार्ज ने डाउन टू अर्थ से कहा कि अभी जो कैमरे घाटों पर लगाए गए हैं उनमें दो एआई फीचर काम कर रहे हैं। पहला फीचर यह बताने में मददगार है कि कोई व्यक्ति बिना मास्क के घूम तो नहीं रहा। और दूसरा फीचर है आने वालों वाहनों के संख्या की गिनती। कैमरों में सोशल डिस्टेंसिंग और एक अन्य फीचर भी कुछ दिनों में शुरु करने की कोशिश होगी। 

एक दस्तावेज में जिक्र किया गया है कि एआई फीचर्स 100 फीसदी काम नहीं करते हैं। हालांकि, इनके परिणाम से 70 से 90 फीसदी तक सही होते हैं।  

इसी महीने 16 और 17 मार्च को केंद्रीय टीम ने कुंभ स्थल का दौरा किया है और हिदायत दी है कि कोरोना से बचाव के प्रभावी इंतजाम किए जाएं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दिनों कुंभ में 10 से 12 कोरोना संक्रमित  मरीजों की संख्या मिल रही है। 

ऐसे में बिना सख्ती के और एआई से ट्रैकिंग के दावे भर से स्थितियां बिगड़ सकती हैं।  

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