तुर्की-सीरिया भूकंप: 15 हजार से ज्यादा हुआ मरने वालों का आंकड़ा, आपातकाल घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा 20,000 तक जा सकता है
तुर्की-सीरिया भूकंप के बाद सीरिया में लोगों को बचाने की जद्दोजहद में लगे बचावकर्मी; फोटो: द वाइट हेल्मेट्स/ ट्विटर
तुर्की-सीरिया भूकंप के बाद सीरिया में लोगों को बचाने की जद्दोजहद में लगे बचावकर्मी; फोटो: द वाइट हेल्मेट्स/ ट्विटर
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तुर्की-सीरिया में भूकंप के दुःखद हादसे के बाद मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारी मिली है कि अब तक इस आपदा में 15,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि घायलों और प्रभावितों को बचाने को लेकर जद्दोजहद जारी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुर्की ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है।

तुर्की में कम से कम 12,390 लोग मारे गए हैं, जबकि सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा 3,500 को पार कर गया है। दोनों देशों में अब तक 66,660 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है, जिनका उपचार जारी है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा 20,000 तक जा सकता है। इस बारे में डब्लूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी एडेलहेड मार्सचैंग ने जानकारी दी है कि भूकंप और इसके बाद आए झटकों के बाद तुर्की और सीरिया में करीब 2.3 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है, जिसमें 14 लाख बच्चे शामिल हैं।

इतना ही नहीं, दोनों देशों में हजारों इमारतें जमीदोज हो गई हैं, जिसके बाद लाखों लोग बेघर हो गए हैं और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। गौरतलब है कि संकट की इस घड़ी में मानवता का परिचय देते हुए भारत सहित दुनिया के अनगिनत देश तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आए हैं।

हालांकि कठिन परिस्थितियां बचाव कार्य में बाधा पैदा कर रही हैं। अभी भी अनगिनत लोगों के फंसे होने की आशंका है। खराब इंटरनेट कनेक्शन और क्षतिग्रस्त सड़कें बड़ी समस्या पैदा कर रही हैं।

छह फरवरी 2023 को तुर्की में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप

गौरतलब है कि छह फरवरी, 2023 को तड़के सुबह 4 बजकर 17 मिनट (स्थानीय समय) पर भूकंप का पहला झटका लगा था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी। गौरतलब है कि तुर्की का यह क्षेत्र दुनियाभर में भूकंपीय रूप से सबसे ज्यादा सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।

इस भूकंप का केंद्र उत्तरी सीरिया के साथ देश की सीमा के पास एक शहर गजियांटेप के पास था। 1939 के बाद से पिछले आठ दशकों में तुर्की में आया यह अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।

तुर्की के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इसके बाद 6 फरवरी 2023 को दक्षिण तुर्की में अंकारा के पास 7.5 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था। वहीं शाम होते-होते तीसरे शक्तिशाली भूकंप ने दोनों देशों को दहला दिया था। इसके बाद आसपास के कई देशों जैसे सीरिया और लेबनान में भी इसके बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

पता चला है कि भूकंप की इस घटना के बाद पिछले दो दिनों में अब तक 75 से ज्यादा झटके (आफ्टरशॉक) लग चुके हैं। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार इसके बाद 06 और 07 फरवरी को 29 और भूकंप के झटके आए हैं, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 या उससे अधिक थी।

वैज्ञानिकों के मुताबिक तुर्की तीन प्रमुख टाइटोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, जिन्हें अफ्रीकी, अरेबियन और यूरेशियन प्लेट कहा जाता है। इस बारे में 2021 में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक यूरेशिया के साथ अरब और अफ्रीकी प्लेटों के बीच टकराव के चलते वहां आमतौर पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

इस बारे में यूएसजीएस ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि 6 फरवरी 2023 को आए भूकंप और उसके बाद के झटके, पूर्वी एनाटोलियन फॉल्ट जोन के साथ या उसके आसपास दर्ज किए गए थे। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टोरिया के प्रोफेसर एडविन निसेन ने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन में पिछली शताब्दी के दौरान सात बार सात से 7.8 तीव्रता के भूकंप आ चुके हैं, लेकिन पूर्वी एनाटोलियन फॉल्ट जोन में आज तक रिक्टर स्केल 6.8 तीव्रता से अधिक का भूकंप नहीं दर्ज किया गया था।

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