मनोविकारों का विज्ञान: एक तरह की दोधारी तलवार है घमंड
इलस्ट्रेशन: योगेंद्र आनंद

मनोविकारों का विज्ञान: एक तरह की दोधारी तलवार है घमंड

हम घमंड के एक विशुद्ध सामाजिक सिद्धांत पर काम कर रहे हैं जो इसकी तलाश करता है कि हमारे पास ये भावना आखिर क्यों है?
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सात मनोविकारों में से एक है घमंड। घमंड के दो रूप में है, एक गर्व और दूसरा अहंकार। आखिर इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है, यह जानने के लिए डाउन टू अर्थ की साइंस रिपोर्टर रोहिणी कृष्णमूर्ति ने अमेरिका की ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डैनियल स्निजर से बात की। स्निजर शर्म, अहंकार, करुणा और ईर्ष्या पर क्रॉस-कल्चरल साक्ष्य का अध्ययन करते हैं और परोपकारिता, सामाजिक बहिष्कार व संघर्ष में उनकी भूमिका की पड़ताल करते हैं

Q

क्या घमंड को वैज्ञानिक रूप से परिभाषित किया गया है?

A

घमंड पर कुछ सहमति है। साथ ही साथ, इसके अलग-अलग सिद्धांत भी हैं। हम एक सिद्धांत पर काम कर रहे हैं जो विशुद्ध रूप से घमंड का सामाजिक सिद्धांत है। यह इस कारण की तलाश करता है कि हमारे अंदर घमंड क्यों है। हमारे लिए घमंड के दो कार्य हैं- एक परिप्रेक्ष्य से जुड़ा कार्य तो एक अतीत के अवलोकन से जुड़ा यानी गतावलोकी कार्य।

गतावलोकी कार्य में यदि किसी ने अतीत में कुछ हासिल किया है, तो वह इसका प्रचार करता है। व्यक्ति दूसरों को अपनी उपलब्धि के बारे में बताता है। वे न केवल प्रचार करते हैं, बल्कि नए मूल्य के अनुरूप दूसरों द्वारा बेहतर व्यवहार की भी मांग करते हैं। परिप्रेक्ष्यवादी कार्य में यह भावना एक्शन को दिशा देती है क्योंकि यह व्यक्ति को बताती है कि आपके समूह के अन्य लोग किन कार्यों या व्यापार या उपलब्धियों को पसंद करते हैं।

उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति इन जानकारियों के आधार पर अरबपति बनने के लिए सबसे कम लागत वाले, कारगर और कुशल तरीके से सबसे अच्छी चीज चुन सकता है। लेकिन अगर व्यक्ति में अरबपति बनने की क्षमता नहीं है, तो वह फिर कुछ ऐसा चुनेगा जो उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाए। इसलिए मुझे दूसरों से अधिक भाव मिलेगा।

दूसरों से अधिक भाव पाने का व्यवहारिक रूप से सीधा सा मतलब है कि वे आपके साथ बेहतर व्यवहार करेंगे। वे आपकी मदद करने के लिए अधिक इच्छुक होंगे। आपकी मदद करने के लिए लागत वहन करेंगे। यह घमंड का एक पारस्परिक या सामाजिक सिद्धांत है।

घमंड का अस्तित्व इस कारण है क्योंकि यह रुतबे, पसंद और समर्थन के तौर पर दूसरों से भाव पाने में उपयोगी है। घमंड का दूसरे लोगों से कुछ खास लेना-देना नहीं होता बल्कि ये खुद से जुड़ा होता है, घटनाओं की आप कैसी व्याख्या करते हैं, उससे जुड़ा होता है। यह घमंड का एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है।

एक अन्य सिद्धांत जिस पर मैं काम कर रहा हूं वह बहुत अधिक सामाजिक है। मुझे घमंड है और मैं इस आधार पर कदम उठाता हूं कि दूसरों के बारे में मैं कैसे सोचता हूं या दूसरे लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं, मुझे कैसे देखते हैं या मैं खुद को किस रूप में देखा जाना पसंद करता हूं।

Q

क्या घमंड और आत्मविश्वास में स्पष्ट अंतर है?

A

कई संबंध हैं। आत्मविश्वास एक आंतरिक अवस्था है, एक माप जो आपको बताता है कि आप किसी चीज के बारे में कितने आश्वस्त हैं। यह एक आंतरिक कारक है जो आपके व्यवहार को नियंत्रित कर सकता है। जैसे अगर आप आश्वस्त हैं कि आप लकड़ी से एक खिलौना बना सकते हैं तो आप इसे करते हैं। अगर आप आश्वस्त नहीं हैं तो आप लकड़ी के खिलौने को खरीदते हैं। घमंड के घटकों में से एक आत्मविश्वास है। यदि आपके पास घमंड है, जो वास्तविक उपलब्धि की वजह से है और अन्य लोग भी उसे मान्यता देते हैं तो आपके पास आत्मविश्वास है। आप सामाजिक रूप से मूल्यवान है, इसका आत्मविश्वास बहुत महत्वपूर्ण है।

Q

क्या घमंड सामाजिक प्रजातियों के लिए एक मूल्यवान भावना या गुण है?

A

घमंड एक तरह की दोधारी तलवार है। एक तरफ, यह सामाजिक रूप से अच्छा है क्योंकि यह व्यक्ति को कर्मठ बनने के लिए प्रेरित करता है। यह उन चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है जिन्हें अन्य लोग महत्व देते हैं। यह एक तरह की आंतरिक मूल्य प्रणाली है जो आपके व्यवहार का मार्गदर्शन करती है। इस अर्थ में यह एक सामाजिक रूप से अच्छी प्रणाली है। यह सामाजिक रूप से मूल्यवान चीजों को करने की तरफ ले जाता है। लेकिन एक दूसरा पहलू भी है।

अगर आप बहुत अधिक सामाजिक रूप से मूल्यवान चीजें सृजित करते हैं, बड़ी उपलब्धियां और ऊंचा रसूख हासिल कर लेते हैं तो वे लोग तक आपसे कुढ़ सकते हैं जो आपसे लाभान्वित भी होते हैं। एक व्यक्ति के पास मूल्य होने के कारण दूसरों के लिए उनकी मदद करने की अधिक संभावना होती है।

घमंड आपको सामाजिक रूप से मूल्यवान चीजों को पैदा करने की तरफ ले जाता है। लेकिन अगर आप सामाजिक रूप से मूल्यवान चीजों को बहुत ज्यादा पैदा करते हैं, बड़ी चीजें हासिल करते हैं और काफी ऊंचा रसूख बना लेते हैं तो इसी चीज को लेकर लोगों में आपके प्रति कुढ़न भी हो सकता है
Q

क्या बिना मूल्यवान कौशल वाले लोग भी घमंड दिखाते हैं?

A

यदि कोई व्यक्ति ताकतवर पद पर है और घमंड प्रदर्शित करता है तो यह एक खतरनाक स्थिति बन जाती है। इसकी वजह ये है कि उन्हें लगता है कि समुदाय को उनके साथ और बेहतर तरीके से पेश आना चाहिए, भले ही उन्होंने कुछ भी अच्छा नहीं किया हो या फिर उनके पास ऐसे साधन न हो जिनका मूल्य हो, महत्व हो। यह क्रोध और आक्रामकता पैदा करने का जोखिम पैदा करता है क्योंकि व्यक्ति अनिवार्य रूप से बिना कुछ किए बेहतर व्यवहार की मांग कर रहा है। उनके मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है और न ही उन वस्तुओं या सेवाओं में वृद्धि हुई है जो वे समुदाय को प्रदान कर सकते हैं। इसलिए जनता की प्रतिक्रिया नकारात्मक होती है। इसलिए अवांछित घमंड पर निश्चित रूप से लोगों से क्रोध, आक्रामकता और कड़वाहट ही मिलती है। बाइबल में एक कहावत है, “गिरने से पहले घमंड होता है।” इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति के पतन में अहंकार आता है। यह आमतौर पर तब होता है जब घमंड अवांछित होता है।

एक और कारण है कि आपको घमंड हो सकता है, भले ही आपने वास्तव में कुछ बड़ा हासिल नहीं किया हो, क्योंकि आपके पास शक्ति है। यदि आपके पास शक्ति है, चाहे वह आपके पिता, चाचा या मां, राजा या रानी या किसी राजनेता के कारण हो, तो आप ऐसे व्यवहार कर सकते हैं जो घमंड के समान है जैसे कि अन्य लोगों से बहुत सम्मान की मांग करना।

इस तरह मनुष्यों में सामाजिक मूल्यांकन का तर्क दो तरह से काम करता है। एक समुदाय किसी व्यक्ति को महत्व दे सकता है क्योंकि वह पियानो, फुटबॉल, दवा आदि जैसी बहुत सी अच्छी चीजें पैदा करता है या क्योंकि वह बहुत मजबूत है। उसके पास हथियार हैं या शक्तिशाली सहयोगी हैं। ये भी हो सकता है कि व्यक्ति अच्छी चीजें पैदा न कर रहा हो, लेकिन अगर उनके पास सारी शक्ति है, तो वे प्रभावी रूप से लोगों को डरा-धमका कर बेहतर व्यवहार करने के लिए मजबूर कर सकते हैं। साफ है कि अच्छी चीजें हासिल करने की वजह से घमंड हो सकता है, लेकिन शक्तिशाली और डराने वाला होने से भी घमंड हो सकता है। यही घमंड का दूसरा पहलू है।

Q

आपने विभिन्न संस्कृतियों में घमंड पर अध्ययन किया है। क्या आप देशों में अंतर देखते हैं कि कैसे घमंड को देखा जाता है या कैसे इसे अनुभव किया जाता है?

A

हां, बारीक अंतर हैं। पहली बात यह है कि समानताएं हैं। संस्कृतियों के भीतर और संस्कृतियों के बीच बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण समानताएं हैं। घमंड प्रणाली ऐसे काम करती है कि दूसरे लोग कुछ उपलब्धियों को कितना वजन देते हैं, कितना मूल्यवान समझते हैं। घमंड किसी व्यक्ति को वो काम करने के लिए प्रेरित करता है जिन्हें लोग बहुत भाव और इज्जत देते हैं। मैंने अपने अध्ययन में अमेरिका, जापान, इटली और तुर्की समेत जिन 16 देशों को शामिल किया, उनमें से प्रत्येक में ये चीज दिखी। ऐसी चीजें हैं जो संस्कृतियों में अलग-अलग तरीके से घमंड को उकसाती हैं। हमने भारत और अमेरिका में विस्तृत परीक्षण किए ताकि उन कार्यों का पता लगाया जा सके जो भारत में मूल्यवान हैं, लेकिन अमेरिका में नहीं या फिर अमेरिका में तो मूल्यवान हैं, लेकिन भारत में नहीं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में बीफ बेचने वाले कसाई को भी घमंड महसूस हो सकता है अगर उसका काम अच्छा चल रहा हो। लेकिन अगर आप भारत में गायों को मारते हैं तो इससे घमंड नहीं हो सकता; इससे लोगों का गुस्सा भड़क सकता है। तो घमंड को लेकर सांस्कृतिक अंतर तो है ही।

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