अब दिन के प्रकाश से होगा जमीन के अंदर उजाला, वैज्ञानिकों ने बनाया अनूठा उपकरण

यह अनूठा उपकरण सूर्य की रोशनी को शहरों के कार पार्क, लिफ्ट और घोर अंधेरे वाले भूमिगत मार्गो, खानों में ले जाकर उन्हें रोशन कर सकता है
Photo: NTU Singapore
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सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसा अनूठा उपकरण तैयार किया है, जो दिन के प्रकाश को भूमिगत स्थानों पर भेजता है, इसका उद्देश्य प्रकाश व्यवस्था के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की जरूरतों को कम करना है।

दुनिया भर में, जमीन के नीचे संरचना बनाने, भंडारण कक्ष बनाने के लिए अक्सर भूमि में गहरी खुदाई की जाती हैं। इन सभी को देखते हुए भविष्य में भूमिगत प्रकाश व्यवस्था की मांग बढ़ सकती है।

दिन के प्रकाश का उपयोग करने वाला यह अनूठा उपकरण लगातार इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है। एनटीयू टीम ने आवर्धक लेन्स (मैग्नीफाइंग ग्लास) से इस उपकरण की प्रेरणा ली है, जिसका उपयोग कर सूर्य के प्रकाश को एक बिंदु में लाया जा सकता है।  

इसके लिए उन्होंने एक पहले से तैयार ऐक्रेलिक बॉल ली, एक प्लास्टिक ऑप्टिकल फाइबर, एक प्रकार की केबल का इस्तेमाल किया, जो एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रकाश की किरण पहुंचाती है जिस पर कंप्यूटर से जुड़ी मोटर चिप लगी होती है।

उपकरण को जमीन के ऊपर लगाया जाता है और एक मैग्नीफाइंग ग्लास के लेंस की तरह, ऐक्रेलिक बॉल सूर्य के प्रकाश को एकत्र करने वाले के रूप में कार्य करता है, जो सूर्य की रोशनी के समानांतर किरणों को इसके विपरीत दिशा में ले जाने में सक्षम बनाता है। फोकस की गई धूप को फ़ाइबर केबल के एक सिरे में एकत्र कर, इसके दूसरे सिरे से भूमि के अंदर भेज दिया जाता है। प्रकाश को फाइबर केबल के माध्यम से सीधे उत्सर्जित किया जाता है।   

उसी समय छोटे मोटरों को कंप्यूटर चिप्स द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, अपने आप चलने वाली फाइबर की स्थिति को सूरज की रोशनी को प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित किया जाता है साथ ही आसमान में सूरज की चाल के अनुसार यह अपने आपको अजस्ट करता है।

इस सूरज के प्रकाश को एकत्र करने वाली तकनीक के कई तरह के फायदे है। एनटीयू द्वारा बनाए गए उपकरण, ऐक्रेलिक बॉल के गोल आकार का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उपकरण को सूरज की सीध में रखने के लिए भारी मोटरों की जरुरत नहीं होती है, जो इसके आकार को छोटा बनाए रखने में मदद करता है।  

शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए इस उपकरण का वजन 10 किलोग्राम है और इसकी कुल ऊंचाई 50 सेमी है। ऐक्रेलिक बॉल को पर्यावरणीय परिस्थितियों (पराबैंगनी प्रकाश, धूल आदि) से बचाने के लिए, शोधकर्ताओं ने पॉली कार्बोनेट का उपयोग करके 3 मिमी मोटी, पारदर्शी गुंबद के आकार का आवरण भी बनाया।  

प्रमुख अध्ययनकर्ता तथा सहायक प्रो. यूओ ने कहा, हमारे इस नई खोज में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पहले से तैयार सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर बनाना संभव है। उन्होंने आगे बताया कि घनी आबादी वाले शहरों में जगह की कमी के कारण, हमने जानबूझकर इस उपकरण को बहुत हल्का और छोटा बनाया है। इसलिए इस उपकरण को शहरी वातावरण में आसानी से शामिल किया जा सकता है।

टीम का मानना है कि इस नई तकनीक वाले उपकरण का उपयोग दो तरीकों से किया जा सकता है, पहला दिन में सूरज की रोशनी लेकर  जमीन के अंदर की जगहों को रोशन करने के लिए और दूसरा बिजली का उपयोग करके रात में जमीन के ऊपर रोशनी करने के लिए एक स्ट्रीटलैम्प के रूप में किया जा सकता हैं।

जैसे-जैसे सूरज पूरे दिन आकाश में घूमता है, वैसे ही ऐक्रेलिक बॉल के अंदर केंद्रित सूर्य के प्रकाश की स्थिति होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अधिकतम सूर्य का प्रकाश को एकत्र किया जा सके और पूरे दिन फाइबर केबल के जरिए जमीन के नीचे ले जाया जाता है। यह प्रणाली सूरज की किरणों को ट्रैक करने के लिए एक कंप्यूटर आधारित चिप का उपयोग करती है।

बारिश या आसमान में बादल छाने के दौरान, जब पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी एकत्र नहीं की जा सकती है और जमीन के नीचे रोशनी नहीं पहुंचाई जा सकती, तो फाइबर केबल के उत्सर्जक छोर के ठीक बगल में स्थापित बिजली से संचालित एक एलईडी बल्ब स्वचालित रूप से प्रकाश करेगा। यह सुनिश्चित करता है कि उपकरण बिना किसी रुकावट के पूरे दिन भूमिगत स्थानों को रोशन कर सकता है।

एलईडी बल्बों की तुलना में यह उपकरण बेहतर प्रदर्शन करता है जमीन के नीचे घोर अंधेरे स्टोररूम को इसने रोशनी से जगमगा दिया था। डॉ. चारू ने कहा, हमारे इस कम लागत वाले उपकरण का उपयोग शहरों के कार पार्क, लिफ्ट और घोर-अंधेरे वाले भूमिगत मार्गो, खानों में किया जा सकता है।

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