नमी और खारेपन से बचेंगी दीवारें, नैनोमेटेरियल से बनाया कंक्रीट

व्यावसायिक सीलर की तुलना में कंक्रीट सीलर 75 फीसदी तक दीवारों को नमी से बचता है, साथ ही खारेपन से होने वाले नुकसान को 44 फीसदी तक कम कर सकता है
फोटो :वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू), नैनोमेटेरियल्स से बनाया गया कंक्रीट सीलर (बाएं) अनुपचारित कंक्रीट (दाएं)
फोटो :वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू), नैनोमेटेरियल्स से बनाया गया कंक्रीट सीलर (बाएं) अनुपचारित कंक्रीट (दाएं)
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शोधकर्ताओं द्वारा नैनोमेटेरियल से बनाया गया कंक्रीट सीलर बेहतर और सुरक्षा करने में सबसे अहम पाए जाने का दावा किया गया है। दुनिया भर में सामान्य कंक्रीट से बने बुनियादी ढांचों के ढहने से जान माल का काफी नुकसान हो जाता है। नैनोमेटेरियल से बनाया गया कंक्रीट सीलर बुनियादी ढांचों को सुरक्षा देने में अहम भूमिका निभाएगा। यह कारनामा वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू) के शोधकर्ताओं ने कर दिखाया है।

प्रयोगशाला अध्ययनों में पाया गया कि नया कंक्रीट सीलर व्यावसायिक सीलर की तुलना में 75 फीसदी तक पानी को हटा सकता है, यानी की यह दीवारों को नमी से बचाता है। साथ ही तटीय इलाकों में बनने वाले भवनों को नमक से होने वाले नुकसान को 44 फीसदी तक कम कर सकता है। यह दुनिया भर में पुराने पुलों और फुटपाथों की चुनौती का समाधान करने का एक अतिरिक्त तरीका प्रदान कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने कंक्रीट को नुकसान पहुंचाने वाले मुख्य समस्याओं में से एक पर गौर किया, जो कंक्रीट की मजबूती और स्थायित्व को कमजोर करता है, जो कि नमी है। सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जियानमिंग शि ने कहा कि यदि आप कंक्रीट को सूखा रख सकते हैं, तो स्थायित्व संबंधी अधिकांश समस्याएं दूर हो जाएंगी।

देश के अधिकांश महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, जैसे कि राजमार्ग प्रणाली, जो कि सालों पहले बनाए गए थे और अब वे जीवन के आखरी पड़ाव पर पहुंच रहे हैं। 1990 के दशक के बाद से हर चार साल में, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स अमेरिकी बुनियादी ढांचे पर एक रिपोर्ट कार्ड देती है जो लगातार खराब या असफल ग्रेड दिखाता है।

अमेरिका में लगभग 6 लाख पुलों में से लगभग 8 फीसदी को संरचनात्मक रूप से कमी मानी जाती है। ठंडे मौसम में कई फ्रीज और पिघलने के चक्रों और हाल के दशकों में खारेपन के बढ़ते उपयोग से समस्या बढ़ जाती है, जो कंक्रीट का स्तर कमजोर कर सकती है।

शी ने बताया कि कंक्रीट, भले ही ठोस चट्टान की तरह लगता है, मूल रूप से एक स्पंज है, जब आप इसे माइक्रोस्कोप के नीचे रख कर देखते हैं यह एक अत्यधिक छिद्रयुक्त, जिसमें एक समान मिश्रित सामग्री भी नहीं है।

शी ने कहा कंक्रीट की सुरक्षा के लिए स्थानीय सीलर्स एक उपकरण के रूप में उभरे हैं और कई राज्य के विभाग विशेष रूप से पुलों की रक्षा के लिए उनका उपयोग करते हैं, जो नमक के नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सीलर्स कुछ स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन नमी अक्सर कंक्रीट में अपना रास्ता बनाने में सफल हो जाती है।

अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने दो नैनोमेटेरियल, ग्रैफेन ऑक्साइड और मोंटमोरिल्लोनाइट नैनोक्ले को एक व्यावसायिक सिलिकॉन-आधारित सीलर में जोड़ा। नैनोमेटेरियल ने कंक्रीट की सूक्ष्म संरचना को घना कर दिया, जिससे तरल का प्रवेश करना अधिक कठिन हो गया। उन्होंने जल वाष्प और अन्य गैसों के घुसपैठ के खिलाफ एक अवरोध भी बनाया जो कंक्रीट में अपना रास्ता बनाते हैं।

नैनोमटेरियल ने कंक्रीट को डिसिंग साल्ट के भौतिक और रासायनिक हमलों से भी बचाया। मजबूत सीलर का उपयोग बहुत सारे कामों में किए जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, क्योंकि यह ताजा कंक्रीट के उपचार और सहायता के रूप में भी काम कर सकता है।

शी ने कहा डब्ल्यूएसयू सीलर के लिए किसी भी कार्बनिक विलायक की जरूरत नहीं है, यह पानी आधारित है, जिसका अर्थ है कि यह पर्यावरण के अधिक अनुकूल और श्रमिकों के लिए सुरक्षित है।

उन्होंने कहा परंपरागत रूप से, जब आप एक कार्बनिक विलायक के बाद पानी का उपयोग करते हैं, तो सीलर की मजबूती कम हो जाती हैं। हमने दिखाया कि नैनोमेटेरियल का उपयोग मजबूती में आने वाली कमी को रोक देता है।

शोधकर्ताओं ने उद्योग के हितधारकों के साथ प्रारंभिक बाजार का विश्लेषण किया है और वे सीलर को और अधिक अनुकूलित करने के तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं। वे पता लगा रहे हैं कि नैनोमेटेरियल  आधारित सीलर कंक्रीट को माइक्रोबियल क्षति या घर्षण से बचाने में कैसे मदद कर सकते हैं। यह शोध जर्नल ऑफ मैटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है।

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