मानव शरीर विभिन्न अंगों से बना है जो एक साथ काम करते हैं, ये हमारे पूरे स्वास्थ्य और इसके रखरखाव में अहम भूमिका निभाते हैं। मानव मस्तिष्क शरीर में सामंजस्य को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, मस्तिष्क बोलने में मदद करने, याददाश्त और विचार और भावनाओं के लिए भी जिम्मेदार है। मानव मस्तिष्क और वृषण (टेस्टिस) के बीच बहुत समानताएं पाई गई है, इसी को लेकर एक शोध किया गया है।
पुर्तगाल के एवेइरो विश्वविद्यालय, पोर्टो विश्वविद्यालय और ब्रिटेन की बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया है कि मनुष्यों के, मस्तिष्क और वृषण (टेस्टिस) में सबसे अधिक सामान्य प्रोटीन होते हैं। अध्ययन में समूह ऊतकों के बीच प्रोटीन समानता का वर्णन किया है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर बताया कि वृषण (टेस्टिस) और मानव मस्तिष्क के बीच समानता के कुछ निशान मिले हैं। उन्होंने एक अध्ययन शुरू किया जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों द्वारा उत्पादित प्रोटीन का विश्लेषण कर उनमें समानताएं देखने के लिए उनकी तुलना की गई।
शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क और अंडकोष के बीच 13,442 सबसे बड़ी समानताएं पाई। इस खोज से पता चलता है कि मस्तिष्क और अंडकोष शरीर के किसी भी अंग के सबसे अधिक जीन को साझा करते हैं।
टीम ने आगे साझा किए जाने वाले प्रोटीन पर ध्यान केंद्रित किया और पाया कि उनमें से अधिकांश ऊतक संचार के विकास में शामिल थे। शोधकर्ताओं ने कहा इस तरह की खोज कोई आश्चर्यजनक नहीं थी, यह देखते हुए कि दोनों अंगों के प्रोटीन अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत करते हैं। एक सोचने की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए, दूसरा हर दिन लाखों शुक्राणु पैदा करने के लिए।
शोधकर्ताओं ने बताया कि वृषण और तंत्रिका कोशिकाएं दोनों उनके अंदर बनाई गई सामग्री को बाहरी वातावरण में ले जाने में शामिल होती हैं। शुक्राणु कोशिकाएं निषेचन कारकों को स्थानांतरित करती हैं और न्यूरॉन्स न्यूरोट्रांसमीटर को स्थानांतरित करते हैं। दोनों एक्सोसाइटोसिस के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रियाओं का हिस्सा हैं।
इसके अतिरिक्त, एक्सोसाइटोसिस के हिस्से के रूप में, शुक्राणु स्वयं के कुछ हिस्सों को अंडे के साथ मिलाने की अनुमति देते हैं। न्यूरॉन्स के साथ, एक्सोसाइटोसिस में न्यूराइटिस बनाना शामिल है जो कोशिकाओं के बीच संचार की अनुमति देता है। यह शोध रॉयल सोसाइटी ओपन बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ता अपने काम से एक कदम पीछे हटते हुए यह देखते हैं कि दोनों अंगों द्वारा उत्पादित प्रोटीन के बीच समानता का एक कारण यह भी हो सकता है - उदाहरण के लिए, पूर्व शोध प्रयासों ने मस्तिष्क विकारों और यौन रोग के बीच एक संबंध स्थापित किया है। कुछ ने तो उत्पादित शुक्राणु की गुणवत्ता और बुद्धि के बीच एक कड़ी भी खोजी है। शोधकर्ता सुझाव देते हैं कि दो अंगों के बीच संबंधों को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।