आखिर क्यों जरुरी है मच्छरों से बचाव
हैरान कर देने वाला सच है कि मच्छर दुनिया के सबसे खतरनाक जीवों में से एक हैं । इनके द्वारा फैली बीमारियों से हर वर्ष लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है । दुनिया भर में पिछले 30 वर्षों में डेंगू की घटनाएं में 30 गुना बढ़ गयी हैं । जीका, डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार, यह सभी बीमारियां एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा मनुष्यों में फैलती हैं। एनोफिलीज मच्छर, मलेरिया फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं और क्यूलेक्स मच्छरों के कारण जापानी इन्सेफेलाइटिस, लिम्फेटिक फाइलेरिया, वेस्ट नाइल फ़ीवर जैसी बीमारियां फैलती हैं । गौरतलब है कि दुनिया की आधी से अधिक आबादी उन क्षेत्रों में रहती है जहां मच्छरों की यह प्रजाति मौजूद है । विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2018 के अनुसार, जहां 2017 में मलेरिया के21.9 करोड़ मामले सामने आये थे । वहीं दुनिया भर में इसके द्वारा 435,000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था | जिसकासबसे अधिक बोझ अफ्रीका उठा रहा है । गौरतलब है कि विश्व में मलेरिया से होने वाली 93 फीसदी मौतें अफ्रीका में ही होती हैं, वहींइसके 61 फीसदी शिकार 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं ।
स्पष्ट है कि मच्छर हमारे लिए एक बड़ा खतरा हैं और ग्रेफीन भविष्य में मच्छरों के काटने और उसकी रोकथाम के लिए एक केमिकल मुक्तविकल्प हो सकता है। क्योंकि दुनिया भर में मच्छरों से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर हानिकारक केमिकल और इंसेक्टिसाइड में डुबाई हुई मच्छरदानियों का प्रयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है।