चंद्रमा और बुध ग्रह पर उम्मीद से अधिक हो सकता है बर्फ और पानी

जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चंद्रमा और बुध दोनों ध्रुवों के पास गड्ढों में बर्फ जमा होने की संभावना है।
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चंद्रमा और बुध पर आम समझ से कहीं अधिक पानी और बर्फ की मौजूदगी हो सकती है। जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चंद्रमा और बुध दोनों ध्रुवों के पास गड्ढों में बर्फ जमा होने की संभावना है।

कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय,लॉस एंजिल्स के लियोर रूबानेंको ने कहा कि उन्होंने वहां उथले गड्ढे पाए जहां पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास बर्फ पाई गई थी और निष्कर्ष निकाला कि शायद बर्फ की मोटी परत के कारण वहां इस प्रकार के गड्ढे हो गए होंगे। इससे पहले दूरबीन के अवलोकनों और अंतरिक्ष यानों ने बुध ग्रह पर ग्लेशियर जैसे बर्फ के भंडारों का पता लगाया था पर चंद्रमा पर इस तरह की बर्फ होने की अभी तक जानकारी नहीं थी। नए अध्ययन से चांद पर भी बर्फ की मोटी परत होने की संभावना बढ़ गई है।

भारत का प्रथम चंद्र मिशन जिसे श्रीहरिकोटा से 22 अक्तूबर, 2008 को सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था। इस पर 6 देशों के 11 उपकरण लगाए गए थे, इनमें से एक नासा, अमेरिका का उपकरण ‘मून मिनरोलॉजी मैपर (एम-3) लगा था, जिसने चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के ठोस संकेत दिए थे, जिसकी पुष्टि अमेरिका ने गत 24 सितंबर को की। इस पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि पानी की मौजूदगी के संकेत तो अमेरिका के एम-3 से पहले ही मिल गए थे, जो चंद्रयान-1 पर लगे भारतीय उपकरण ‘मून इंपैक्ट प्रोब (एमआईपी) ने दिए थे।

बुध और चंद्रमा के ध्रुव हमारे सौर मंडल के सबसे ठंडे स्थानों में से हैं। पृथ्वी के विपरीत, बुध और चंद्रमा की धुरी ऐसे उन्मुख होती है, जो उनके ध्रुवीय क्षेत्रों में सूर्य क्षितिज के ऊपर कभी नहीं बढ़ता है। नतीजतन ध्रुवीय स्थानों, जैसे कि प्रभाव क्रेटर, उथले गड्ढे कभी भी सूर्य की रोशनी में नहीं आ पाते हैं। दशकों से यहां पर छाया होने से ये क्षेत्र इतने ठंडे हैं कि उनके भीतर की संभावित बर्फ अरबों वर्षों तक रह सकती है।

अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड भौतिकी प्रयोगशाला से मेसेंगर मर्करी ड्यूल इमेजिंग सिस्टम के वैज्ञानिक नैन्सी चाओबट ने कहा कि "हमने बुध के ध्रुवीय निक्षेपों को पानी और बर्फ से बने होने और बड़े पैमाने पर बुध के उत्तर और दक्षिण ध्रुवीय दोनों क्षेत्रों में इसे फैला हुआ देखा है।

नैन्सी चाओबट ने बताया कि, चंद्रमा पर किए पिछले रडार और इमेजिंग अध्ययन से पता चलता है कि इसका ध्रुवीय वातावरण बुध के समान हैं, केवल धब्बेदार, उथले स्थानों पर बर्फ जमा हैं। बुध और चंद्रमा की वायुहीन सतह कई प्रभाव उथले गड्ढों (क्रेटरों) द्वारा क्षत-विक्षत हैं। ये क्रेटर तब बनते हैं जब उल्कापिंड या धूमकेतु सतह को प्रभावित करते हैं।

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