अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही इस साल के नोबेल नोबेल पुरस्कारों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस कड़ी में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार मानव के क्रमिक विकास और निएंडरथल पर किए उनके काम के लिए दिया गया है।
गौरतलब है कि स्वांते पाबो एक स्वीडिश जेनेटिस्ट हैं जो विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। वो पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से भी एक हैं, जिन्होंने इंसान के निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है।
अपने असंभव से लगने वाले शोध से, स्वांते पाबो ने निएंडरथल के जीनोम को अनुक्रमित किया है। निएंडरथल वर्तमान मनुष्यों के विलुप्त रिश्तेदार हैं। इससे पहले उन्होंने अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की भी सनसनीखेज खोज की थी।
महत्वपूर्ण रूप से, पाबो ने यह भी पाया है कि करीब 70,000 साल पहले अफ्रीका से बाहर प्रवास के बाद इन विलुप्त होमिनिन से होमो सेपियन्स में जीन का स्थानांतरण हुआ था। आज के मनुष्यों के लिए जीन के इस प्राचीन प्रवाह की शारीरिक प्रासंगिकता है, उदाहरण के लिए यह प्रभावित करता है कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमणों के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करती है।
शुक्रवार को की जाएगी नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा
इस बारे में नोबेल कमेटी के सचिव थॉमस पेर्लमैन ने स्वीडन के स्टाकहोम के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में आज विजेता की घोषणा की है। इस बारे में जानकारी मिली है कि पुरुस्कार विजेताओं को दिसंबर में स्टॉकहोम में उनके नोबेल पुरस्कार पदक और डिप्लोमा दिए जाएंगें। यह दुनिया का सबसे प्रतिष्टित पुरुस्कार है, जिसके तहत विजेताओं को एक स्वर्ण पदक, प्रमाणपत्र और उसके साथ करीब एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (लगभग 7.3 करोड़ रुपए) की राशि दी जाती है।
सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार 1901 से किसी भी देश के उस वैज्ञानिक या संगठन को दिया जाता है, जिसने मेडिसिन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। यह उन पांच नोबेल पुरस्कारों में से एक है, जिसे सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में से सन् 1895 में स्थापित किया गया था।
वहीं अर्थशास्त्र के नोबेल, जिसे आधारिक तौर पर ‘बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ एल्फ्रेड नोबेल है। उसकी स्थापना एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर नहीं हुई थी, बल्कि स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने 1968 में इसकी शुरुआत की थी।
गौरतलब है कि इसके बाद मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन शास्त्र, बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल विजेताओं के नाम की घोषणा की जाएगी, जबकि शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा होगी। वहीं अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता के नाम का ऐलान 10 अक्टूबर को किया जाएगा।