क्या धरती के अलावा अन्य किसी ग्रह पर भी जीवन है। यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कई दशकों से वैज्ञानिक खोज रहे हैं। हाल ही में इस कड़ी में कुछ और नए सुराग हाथ लगे हैं। साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टर क्रिस्टोफर ग्लेन के साथ मिलकर वैज्ञानिकों के एक दल ने शनि के चंद्रमा 'एन्सेलाडस' पर उस तत्व को खोजा है, जो जीवन के लिए जरूरी है।
यह तत्व फॉस्फोरस है जिसे जैविक प्रक्रियाओं के लिए काफी अहम माना जाता है। अपनी इस रोमांचक खोज के लिए वैज्ञानिकों ने नासा के कैसिनी मिशन के आंकड़ों का उपयोग किया है। गौरतलब है कि कैसिनी मिशन पिछले 13 से भी ज्यादा वर्षों से शनि उसके छल्लों और इस ग्रह के चन्द्रमों की प्रणाली की जांच कर रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा इस सन्दर्भ में किए अध्ययन के नतीजे जर्नल नेचर में प्रकाशित हुए हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 2022 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में डॉक्टर ग्लेन ने कहा था कि शनि के चन्द्रमा 'एन्सेलाडस' पर मौजूद महासागरों में बहुत ज्यादा मात्रा में फास्फोरस होना चाहिए। उन्होंने यह भविष्यवाणी, वहां की भू-रासायनिक मॉडलिंग करने के बात कही थी।
बता दें कि डॉक्टर क्रिस्टोफर ग्लेन साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से जुड़े वैज्ञानिक हैं, जो पृथ्वी से परे महासागरों का अध्ययन करने में विशेषज्ञ हैं। वहीं अपने इस नए अध्ययन में वैज्ञानिकों को वास्तविकता में एन्सेलाडस में मौजूद समुद्रों से मिले बर्फ के नमूनों में फास्फोरस की बड़ी मात्रा का पता लगा है। हालांकि, इससे पहले भी एन्सेलाडस के महासागरों में वैज्ञानिकों को कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे मानव जीवन के लिए जरूरी कई तत्व मिल चुके हैं।
अपनी इस खोज में कैसिनी अंतरिक्ष यान ने एन्सेलाडस की सतह पर तरल पानी की खोज की थी और साथ ही चंद्रमा की बर्फीली सतह और दरारों से लिए बर्फ और गैसों के ढेरों नमूनों का विश्लेषण किया था। कैसिनी के कॉस्मिक डस्ट एनालाइजर द्वारा किए बर्फ के इस विश्लेषण में सोडियम फॉस्फेट की उपस्थिति का पता चला था। वैज्ञानिकों ने इन परिणामों की जांच प्रयोगशाला में भी की है, जिसमें पुष्टि हुई है कि एन्सेलाडस के समुद्रों में फॉस्फोरस, फॉस्फेट के रूप में आसानी से उपलब्ध है।
जीवन के लिए अहम है फॉस्फेट
फॉस्फोरस के बारे में बता दें कि यह फॉस्फेट के रूप में पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। यह जीवन की कई आवश्यक प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों में भी डीएनए और आरएनए के निर्माण के साथ कोशिकाओं के भीतर ऊर्जा के परिवहन, कोशिका की झिल्ली की संरचना के साथ हड्डियों और दांतों के विकास के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा समुद्र में प्लैंकटन के विविध पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने में भी फॉस्फेट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
डॉक्टर ग्लेन का कहना है कि, "चंद्रमा के समुद्री पानी में फॉस्फेट की मात्रा धरती पर मौजूद महासागरों की तुलना में कम से कम 100 गुणा अधिक है।" उनके मुताबिक एक मॉडल की मदद से फॉस्फेट की उपस्थिति की भविष्यवाणी करना प्रभावशाली है, लेकिन वास्तव में इसके सबूत खोजना बेहद रोमांचकारी है। यह खोज पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज के लिए काफी महत्वपूर्ण है।"
वैज्ञानिको की मानें तो पिछले 25 सालों में यह खोज ग्रहों के बारे में की जा रही रिसर्च में काफी मायने रखती है। हमारे सौर मंडल में कई खगोलीय पिंडों में बर्फीली सतहों के नीचे समुद्र छुपे हुए हैं। इनमें यूरोपा, टाइटन और एन्सेलाडस जैसे चंद्रमाओं के साथ प्लूटो जैसे बहुत दूर के ग्रह शामिल हैं।
पृथ्वी जैसे ग्रहों को सतह के पानी के लिए उपयुक्त तापमान बनाए रखने के लिए अपने मेजबान सितारों जैसे सूर्य से उचित दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है। हालांकि आंतरिक महासागर कहीं ज्यादा दूरी पर भी मौजूद हो सकते हैं।
देखा जाए तो यह खोज पूरी आकाशगंगा में रहने योग्य ग्रहों के पाए जाने की संभावना को काफी बढ़ा देती है। यह हमारी समझ में भी विस्तार करती है कि जीवन कहां-कहां, पनप और फल-फूल सकता है। इस नई खोज से 'एन्सेलाडस' पर जीवन के होने की सम्भावना कहीं ज्यादा प्रबल हो गई हैं। साथ ही यह इस बात का भी सबूत है कि शायद शनि का यह चन्द्रमा रहने योग्य हो सकता है।